नुजबा के महासचिव शेख़ अकरम अल-काबी ने बुधवार को तेहरान में ईरान की एक्सपीडिएंसी काउंसिल के सचिव मोहसिन रज़ाई के साथ मुलाक़ात में अमरीका को यह चेतावनी दी।
अल-काबी का कहना था कि अमरीका ने आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी और हशदुश्शाबी के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अल-मोहंदिस की हत्या, इराक़ में राजनीतिक समीकरणों को बदलने के मक़सद की थी, उसकी यह योजना नाकाम हो गई।
उसके बाद वाशिंगटन ने एक निंदनीय नीति अपनाई और मीडिया के ज़रिए सॉफ़्ट युद्ध छेड़ दिया, तथा विरोध प्रदर्शनों के बहाने एक बार फिर विद्रोहियों को लामबंद करने का प्रयास किया।
इसके अलावा, अमरीका ने तुर्की को उत्तरी इराक़ के कुछ भागों पर क़ब्ज़ा करने के लिए हरी झंडी दिखाई, कुर्दों को बग़दाद की केन्द्रीय सरकार के ख़िलाफ़ भड़काया और देश में शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच साम्प्रदायिकता को हवा दी।