आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सीस्तानी की वेबसाइट पर एक सवाल किया गया था जिसमें यह पूछा गया था कि उन दुकानों और व्यापारिक केन्द्रों से सामान खरीदना या बेचना कि जो अपने लाभ का एक भाग इस्राईल को देते हैं , इस्लामी लिहाज़ से कैसा ?
इस सवाल के जवाब में फतवा दिया गया है कि इस्राईली उत्पादों को खरीदना और बेचना और उन कंपनियों की चीज़ें खरीदना बेचना जिनके बारे में यह साबित हो चुका है कि वह इस्राईल की प्रभावशाली मदद करती हैं, जायज़ नहीं है।
याद रहे इस्लामी नियमों के अनुसार अगर कोई सामान खरीदना बेचना जायज़ न हो यानि हराम हो तो उससे मिलने वाला फायदा भी हराम होता है और इस्लाम में हराम की कमाई खाने वाले की बहुत अधिक आलोचना की गयी है और यह भी कहा गया है कि हराम की कमाई खाने का इन्सान के व्यवहार पर बहुत असर पड़ता है और हराम की कमाई खाकर पलने वाले बच्चे, बड़े होकर समाज के लिए बहुत सी समस्याएं पैदा करते हैं।