यह कहना मुश्किल है कि क्या अमरीका पास दूतावास की सुरक्षा के लिए कोई रास्ता है, या पोम्पियो कोई राजनयिक लक्ष्य साधने के लिए यह धमकी दे रहे थे। जो भी हो लेकिन यह दूतावास बंद होना चाहिए। पोम्पियो ने जिस नियत से भी यह बात कही हो, लेकिन इसका अंत अच्छा है।
बग़दाद में अमरीकी दूतावास के बारे में जो कोई सोचता होगा, निश्चित रूप से वह एक इमारत की कल्पना करता होगा, जहां एक देश से संबंधित कूटयनिक कार्यों को अंजाम दिया जाता है। वास्तव में अमरीकी दूतावास के साथ ऐसा नहीं है।
यह एक ऐसा परिसर है जो डिज़नीलैंड की तुलना में थोड़ा ही छोटा है, जिसमें 20 कार्यालय भवन, 6 अपार्टमेंट ब्लॉक और कर्मचारियों की विभिन्न सुविधाओं के अलावा, हज़ारों सैनिकों के लिए सैन्य छावनी भी इसमें मौजूद है। एक समय यहां कर्मचारियों और सैनिकों की संख्या 16,000 से अधिक थी। इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर क़रीब 1 अरब डॉलर का ख़र्च आया था। यह एक दूतावास नहीं, बल्कि इराक़ पर अमरीकी आक्रमण और क़ब्ज़े का प्रतीक है। यह और बात है कि डिज़नीलैंड के विपरीत, यहां अमरीकियों का कोई भी सपना सच नहीं हुआ।
नवम्बर के चुनाव में जीतने वाले अमरीकी राष्ट्रपति को इस कॉम्पलेक्स को बंद करके इसे इराक़ियों के हवाले कर देना चाहिए। इराक़ी सरकार को इसे बग़दाद यूनिवर्सिटी में शामिल कर देना चाहिए। इसके अलावा, वाशिंगटन को बग़दाद में एक इमारत ख़रीदनी चाहिए, जिसे वास्तविक दूतावास का नाम दिया जा सके। ताकि इराक़ में पिछले 2 दशको में अमरीकी अंहकार के प्रतीक का ख़ात्मा हो सके।
यह भी सच है कि नई परिस्थितियों में अब इराक़ में अमरीका के लिए कुछ नहीं बचा है। इराक़ पर हमले के 17 साल बाद, यह सोचना कि अमरीका के कुछ बड़ा हाथ लगना अबी बाक़ी है, पूरी तरह से बेमानी होगी।
इराक़ी सुरभा बल राष्ट्रीय सुरक्षा की किसी भी समस्या से निपटने की क्षमता रखते हैं, जैसा कि सेंटकॉम के कमांडर जनरल केनेथ मैककेंज़ी जूनियर का कहना है कि इराक़ी सेना, दाइश के आतंकवादियों से निपटने की भरपूर क्षमता रखती है।