ख़ालिद बिन अतीया ने अलजज़ीरा टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि यह केवल इरादा नहीं था बल्कि योजना तैयार हो गई थी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में क़तर की नाकाबंदी की योजना थी ताकि आम जनता पर भारी दबाव पड़े और देश के भीतर हालात ख़राब हो जाएं और दूसरे चरण में क़तर पर हमला कर देने की तैयारी थी।
ख़ालिद बिन अतीया ने कहा कि इंटेलीजेन्स रिपोर्टों और साक्ष्यों से साबित हो चुका है कि हमले की योजना बना ली गई थी। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के नेताओं ने भी इन साक्ष्यों की पुष्टि की है। बिन अतीया ने कहा कि इन साक्ष्यों की पुष्टि कुवैत के अमीर ने अमरीकी राष्ट्रपति से अपनी मुलाक़ात में की, अमरीकी राष्ट्रपति ने रोमानिया के राष्ट्रपति से अपनी मुलाक़ात में इसकी पुष्टि की इसी तरह जर्मनी के पूर्व विदेश मंत्री ने भी इन साक्ष्यों की पुष्टि की और सबने कहा कि क़तर पर हमले की योजना बना ली गई थी।
5 जून 2017 को सऊदी अरब, इमारात, बहरैन और मिस्र ने क़तर की नाकाबंदी की थी और क़तर पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाया था। क़तर इस आरोप का खंडन करता है।