इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता की उपस्थिति में इमाम सज्जाद की शहादत की बरसी मनाई गई। आज 25 मुहर्रम को सुबह तेहरान में "हुसैनिया इमाम ख़ुमैनी" में इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की शहादत की बरसी पर आयोजित शोकसभा में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने भाग लिया। आज पूरे ईरान में इमाम सज्जाद की शहादत की याद में शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।
करबला की घटना के बाद करबला आन्दोलन को लोगों तक पहुंचाने में इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कर्बला की घटना के बाद वे 34 वर्षों तक जीवित रहे। इस अवधि में उन्होंने इस्लामी समाज के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी संभाली और विभिन्न मार्गों से अत्याचार व अज्ञानता के प्रतीकों से मुक़ाबला किया। इमाम सज्जाद को, जिन्हें ज़ैनुल आबेदीन के नाम से भी जाना जाता है, वर्ष 95 हिजरी में तत्कालीन उमवी शासक वलीद इब्ने अब्दुल मलिक के आदेश पर एक षड्यंत्र द्वारा ज़हर देकर शहीद कर दिया गया।