तसनीम न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार इस्माईल हनिया ने एनुल हलवा शरणार्थी कैंप के दौरे के दौरान इस कैंप में फ़िलिस्तीनी विस्थापितों की उपस्थिति को गर्व का कारण बताया और इस कैंप को प्रतिरोध तथा डटे रहने का प्रतीक और सेम्बल क़रार दिया।
उन्होंने बल दिया कि फ़िलिस्तीनी विस्थापितों की स्वदेश वापसी का हक़ पवित्र है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। हमास के पोलित ब्यूरो चीफ़ ने कहा कि फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों का कैंप, प्रतिरोध का मोर्चा है और यहां पर बड़ी घटनाएं घटती हैं और यहां पर बड़े साहसी और योद्धा जवान मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि मैं इस्राईली दुश्मन से यह कहना चाहता हूं कि हम कभी भी इस शासन के ऐतिहासिक अत्याचारों और स्वदेश वापसी के अपने हक़ को नहीं भूलेंगे।
श्री इस्माईल हनिया ने बल दिया कि क्षेत्रीय राष्ट्र, अपने आंतरिक मामलों में उलझे होने के बावजूद फ़िलिस्तीन और बैतुल मुक़द्दस पर एकमत हैं।
उन्होंने इस्राईल के साथ कुछ अरब देशों के संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्राईली दुश्मन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के मुद्दे का किसी भी तरह से इस्लामी और अरब जगत से संबंध नहीं है।
उनका कहना था कि आप संतुष्ट रहें कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा, अब भी राष्ट्र के दिलों में बाक़ी है।
उन्होंने इस्राईली हमलों से मुक़ाबले के लिए प्रतिरोध की क्षमताओं की ओर संकेत किया और कहा कि ग़ज़्ज़ा में प्रतिरोध के पास ऐसे मीज़ाइल हैं जो तेल अवीव और उससे दूर तक के क्षेत्रों में भारी तबाही ला सकते हैं।