ऑयल प्राइस द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़, जुलाई में चीन की सरकारी और प्राइवेट तेल कंपनियों ने सऊदी अरब से प्रति दिन 12 लाख 60 हज़ार बैरल तेल का आयात किया, जबकि इससे पहले तक वह 17 लाख बैरल से अधिक तेल आयात कर रहा था।
इस प्रकार, जुलाई के महीने में चीन द्वारा सऊदी अरब से आयात किए जाने वाले तेल में रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई है, और इसका एक मुख्य कारण फ़ार्स खाड़ी के तेल उत्पादक देशों द्वारा क़ीमतों में बढ़ौतरी है।
पिछले दो वर्षों से सऊदी अरब चीन को तेल की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश रहा है, जो विश्व में सबसे अधिक तेल का आयात करता है।
हालांकि वैश्विक आर्थिक मंदी, रूस और सऊदी अरब के बीच तेल की क़ीमतों को लेकर तनातनी और कोविड-19 महामारी के कारण, तेल की मांग में कमी और क़ीमतों में भारी गिरावट के कारण, चीनी तेल आयातक कंपनियां अधिक सस्ता तेल आयात करने का प्रयास करने लगीं।
विकल्प के रूप में चीन ने अमरीका और ब्राज़ील से तेल के आयात में वृद्धि कर दी और एक बार फिर ईरान से तेल का आयात बढ़ा दिया।
चीन द्वारा सऊदी अरब से तेल आयात में कमी के भू-राजनीतिक कारणों और क्षेत्रीय देशों के बीच बदलते संबंधों के समीकरणों को भी ध्यान में रखने की ज़रूर है।