इन सांसदों ने ज़ोर देकर कहा है कि जारी साल के आरंभ में संसद ने देश से अमरीकी सैनिकों को बाहर निकालने का जो बिल पास किया था, सरकार को उसे लागू करने के लिए क़दम उठाना चाहिए। इराक़ी संसद में सादिक़ून धड़े के सांसद मुहम्मद करीम ने कहा कि हम अपने देश में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेंगे और इराक़ी वार्ताकारों को चाहिए कि वे वाॅशिंग्टन को सचेत करें कि वह इराक़ के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे, इराक़ की संप्रभुता का सम्मान करे, अपने सैनिकों को इराक़ से बाहर निकाले और इराक़ को जंग का मैदान न बनाए।
इराक़ी संसद में फ़तह धड़े के सांसद अहमद अलअसदी ने भी कहा है कि उनके धड़े ने प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अलकाज़ेमी को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि वह अगले तीन साल तक इराक़ में अमरीकी सैनिकों के बाक़ी रहने का विरोधी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब तक पिछले समझौतों व बिलों के परिप्रेक्ष्य में क़दम उठाते रहेंगे, उनका पूरा समर्थन किया जाएगा लेकिन अगर उन्होंने इसके ख़िलाफ़ कुछ किया तो फिर उनका समर्थन नहीं होगा। इराक़ियून धड़े के एक सांसद हसन अलजनाबी ने भी ज़ोर देकर कहा है कि संसद ने विदेशी सैनिकों को इराक़ से बाहर निकालने का फ़ैसला किया है क्योंकि इराक़ में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति तनाव पैदा कर रही है।