इसके लिए ज़ायोनी कुशनर ने फ़िलिस्तीनियों से कहा कि वे अतीत से जकड़े न रहें, जबकि उन्होंने फ़िलिस्तीनियों की ज़मीनों पर क़ब्ज़ा करने के लिए ज़ायोनियों के हज़ारों साल पुराने दावे का समर्थन किया।
इस्राईली अधिकारी फ़िलिस्तीनियों के इलाक़ों पर क़ब्ज़े को यहूदी धार्मिक ग्रंथों का हवाला देकर सही ठहराने की कोशिश करते हैं।
सोमवार को इस्राईल से यूएई के लिए जाने वाली पहली फ़्लाइट से अबू-धाबी पहुंचने के बाद, कुशनर ने यह बयान दिया। हालांकि फ़िलिस्तीनियों ने एकमत होकर इस्राईल—ूएई के बीच समझौते की निंदा की है और इसे फ़िलिस्तीनियों और मुसलमानों की पीठ में छुरा घोंपना बताया है।
इसके बावजूद, ट्रम्प के ज़ायोनी दामाद ने फ़िलिस्तीनियों से यूएई की ग़द्दारी के सामने झुक जाने की अपील की है और उनसे भी ऐसा ही शांति समझौते के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।
फ़िलिस्तीनी अथॉर्टी ने इस्राईल-यूएई समझौते के रद्द करते हुए अबू-धाबी से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और इस समझौते को इतिहास का कचरा बताया है।
फ़िलिस्तीनी अथॉर्टी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने यूएई के इस क़दम को अरबों के साथ ग़द्दारी क़रार देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि यरूशलम (बैतुल मुक़द्दस) बिकाऊ नहीं है।
कुशनर ने सोमवार को अबू-धाबी पहुंचकर सऊदी अरब का भी शुक्रिया अदा किया, जिसने इस्राईली एयरलाइंस को अपनी वायु सीमा के प्रयोग की अनुमति दी थी।
संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब खुलकर मुसलमानों के साथ ग़द्दारी कर रहे हैं, इसलिए कि इस्लामी सिद्धांतों के मुताबिक़, मुसलमानों की प्राथमिकता पहले मुस्लिम समुदाय से वफ़ादारी होनी चाहिए, जबकि फ़ार्स खाड़ी के अरब देशों के शासक ज़ायोनियों से वफ़ादारी का दम भर रहे हैं।