AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

23 अगस्त 2020

2:45:36 pm
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वाॅशिंग्टन की यात्रा के बाद अलकाज़ेमी के सामने पैदा होने वाली चुनौतियां

अमरीका के चार दिवसीय विवादित दौरे के बाद इराक़ के प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अलकाज़ेमी बग़दाद लौट गए।

स्वदेश वापसी के तुरंत बाद अलकाज़ेमी को इस दौरे के परिणामों और यात्रा से पहले इराक़ी राष्ट्र व राजनितिज्ञों से किए गए वादों के बारे में अनेक सवालों का सामना करना पड़ा जिनमें से एक इराक़ से अमरीकी सैनिकों की वापसी का मामला है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने अलकाज़ेमी से मुलाक़ात में इस बात की घोषणा करते हुए कि अमरीकी सैनिक अभी तीन साल और इराक़ में रहेंगे और यह कि ये सैनिक ईरान से मुक़ाबले के लिए इराक़ में मौजूद हैं, इराक़ी राष्ट्र को एक बड़ा झटका दे दिया। इससे इराक़ी राष्ट्र व संसद को मुंह चिढ़ाने और उसका समय नष्ट करने के संबंध में अमरीकी सरकार की वास्तविक नीति से पर्दा हट गया है। ट्रम्प ने इराक़ में जनसंख्या के ढांचे में पाए जाने वाले शिया, सुन्नी व कुर्द आबादी के अंतर का उल्लेख करके इराक़ी सरकार व संसद को एक दूसरे के सामने लाने की भी विफल कोशिश की।

 

इराक़ के एक गुट असाएबे अहलुल हक़ के महासचिव शैख़ क़ैस ख़ज़अली ने अगले तीन साल तक इराक़ में अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति जारी रहने की घोषणा पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यह फ़ैसला, अमरीकी सैनिकों को इराक़ से बाहर निकालने के इराक़ी संसद में पारित विधेयक के ख़िलाफ़ है। अलफ़त्ह गठजोड़ ने भी इराक़ी प्रधानमंत्री के दौरे के परिणामों की समीक्षा और अमरीकी सैनिकों को देश से निकालने के संसद के फ़ैसले का पालन न करने के कारण अलकाज़ेमी को संसद में तलब किए जाने की मांग की है। इराक़ के अन्य राजनैतिक दलों व गुटों ने भी अमरीका द्वारा शहीद क़ासिम सुलैमानी व शहीद अबू महदी अलमुहंदिस की हत्या और इराक़ की संप्रभुता का खुला उल्लंघन करने का मामला वाॅशिंग्टन में न उठाने के कारण प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अलकाज़ेमी की कड़ी आलोचना की है।

 

इराक़ के सांसदों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह दौरा केवल दिखावटी था और इसमें इराक़ी राष्ट्र की इच्छा शामिल नहीं थी। यह दौरा, ट्रम्प के राष्ट्रपति काल के अंतिम दिनों में हुआ और अगले चुनाव में उनकी जीत में मदद के उद्देश्य से अंजाम पाया है। कुछ लोगों का कहना है कि अलकाज़ेमी के इस दौरे के बाद इराक़ के राजनैतिक बलों के साथ उनके संबंध पहले की तरह नहीं रह जाएंगे। इराक़ के एक सांसद हसन फ़दअम ने कहा है कि ट्रम्प और अलकाज़ेमी दोनों ही की सरकारें अस्थिर हैं और इराक़ से अमरीकी सैनिकों की वापसी जैसे अहम मामलों के बारे में बात नहीं कर सकतीं।

 

इन परिस्थितियों में और इराक़ से निकलने में अमरीका की आना-कानी के मद्देनज़र केवल प्रतिरोधकर्ता गुट ही हैं जो निर्णायक बात कर सकते हैं और प्रतिरोध की भाषा ही वह एकमात्र भाषा है, जो अमरीका की समझ में आती है। इसके चिन्ह दिखाई भी देने लगे हैं क्योंकि इराक़ी प्रतिरोध के कड़े प्रहारों से मजबूर हो कर अमरीका ने घोषणा कर दी है कि वह जल्द ही अत्ताजी की अहम छावनी को ख़ाली कर रहा है। यह आठवीं सैन्य छावनी है जो अमरीकी सैनिकों ने इराक़ में ख़ाली की है।