-1 सैयद हसन नसरुल्लाह ने इस बिंदु पर अपना भाषण केन्द्रित रखा कि लेबनान की राजनैतिक व्यवस्था को ध्वस्त करने की साज़िश जारी है। हस्सान दियाब की सरकार गिराने के बाद अब यह साज़िश आगे बढ़ रही है और राष्ट्रपति मिशल औन और संसद सभापति नबीह बिर्री निशाने पर हैं।
-2 देश में पाई जाने वाली समरसता को ख़त्म करने के लिए गृह युद्ध की आग भड़काने की कोशिश हो रही है और देश को राजनैतिक शून्य की स्थिति में पहुंचाने पर काम हो रहा है।
-3 इस बात की संभावना मौजूद है कि बैरूत धमाका किसी हमले का नतीजा रहा हो। इसलिए ज़रूरी है कि इस मामले की अंतर्राष्ट्रीय जांच का विरोध किया जाए और देश के भीतर जो टीम जांच करे उसमें विदेशी पर्यवेक्षकों को शामिल न किया जाए क्योंकि विदेशी विशेषज्ञों की कोशिश होगी कि इस्राईल को हर हाल में बचाएं जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक़ हरीरी की हत्या की जांच के मामले में हो चुका है।
इस भाषण से साफ़ ज़ाहिर है कि सैयद हसन नसरुल्लाह का ध्यान पूरी तरह उन साज़िशों पर हैं जो लेबनान की दहलीज़ तक पहुंच चुकी हैं और इन साज़िशों में देश के भीतर मौजूद कुछ गलियारे पूरी तरह साथ दे रहे हैं। उन्होंने इस साज़िश की ओर से सावधान भी किया और ठोस स्वर में कहा कि वह हर स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने साफ़ कर दिया कि बैरूत धमाके में अगर इस्राईल लिप्त है तो उसे सज़ा ज़रूर दी जाएगी जबकि हिज़्बुल्लाह के कमांडर की शहादत का भी बदला ज़रूर लिया जाएगा। इससे लगता है कि सैयद हसन नसरुल्लाह के पास कुछ बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां हैं और वह आंतरिक और बाहरी स्तर पर हर तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार हो चुके हैं।
जब वह अपने समर्थकों से कह रहे हैं कि अभी अपना आक्रोश संभाल कर रखें क्योंकि इस आक्रोश की बाद में ज़रूरत पड़ सकती है तो इसका मतलब यह है कि बर्दाश्त करने और नज़रअंदाज़ कर देने का चरण समाप्त हो रहा है। अब हर तरफ़ से यहां तक कि हिज़्बुल्लाह के भीतर से यह मांग ज़ोर पकड़ रही है कि यह संगठन देश के भीतर होने वाले भ्रष्टाचार पर चुप न रहे बल्कि ठोस कार्यवाही करे क्योंकि भ्रष्टाचार के वातावरण में इस्राईली एजेंटों को अपना काम कर गुज़रने का मौक़ा मिल जाता है।
हमें यह लगता है कि अब हिज़्बुल्लाह नए चरण में पहुंच गया है जहां वह किसी हद तक अपनी नर्मी में कमी करेगा और साज़िश का हिस्सा बनने वालों के ख़िलाफ़ ठोस क़दम उठाएगा।
स्रोतः रायुल यौम