गुरुवार को फ़ॉरेन पॉलिसी ने अपनी रिपोर्ट में ख़ुलासा किया था कि 2017 में सऊदी किंग ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को टेलीफ़ोन करके क़तर पर हमला करने की बात कही थी।
किंग सलमान ने ट्रम्प के सामने यह प्रस्ताव सऊदी अरब और उसके समर्थक अरब देशों द्वारा दोहा की घेराबंदी और उसके बहिष्कार के एक दिन बाद रखा था।
क़तर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह का प्रस्ताव, क्षेत्र को अस्थिर और अशांत करने वाला है।
इस बयान में रियाज़ के इस प्रस्ताव पर अफ़सोस जताते हुए कहा गया है कि फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद के देशों ने इस परिषद के एक सदस्य देश के ख़िलाफ़ हमले का प्रस्ताव देकर, पूरे क्षेत्र को आग में झोंकने का काम किया था।
इससे पहले 2019 में वास स्ट्रीट जरनल ने भी दावा किया था कि 2017 में सऊदी सेना ने क़तर पर हमले की योजना तैयार कर ली थी।
सऊदी अरब के नेतृत्व में बहरैन, यूएई और मिस्र ने अपनी शर्तें मनवाने के लिए जून 2017 में क़तर की घेराबंदी कर दी थी।