AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

9 जुलाई 2020

3:00:28 pm
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ट्रम्प को जाल में फंसाने का मंसूबा...क्या बाइडन तेज़ी दिखा पाएंगे? चौतरफ़ा हमलों का सामना कर रहे ट्रम्प का नया पैंतरा क्या होगा?

अमरीका के मशहूर अख़बार न्यूयार्क टाइम्ज़ में लिखने वाले वरिष्ठ टीकाकार और लेखक थामस फ़्रेडमैन ने अपने एक लेख में राष्ट्रपति चुनाव के डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन को सुझाव दिया है कि वह ट्रम्प से डिबेट के लिए दो शर्तें रखें और अगर ट्रम्प यह शर्तें पूरी न करें तो उनके साथ डिबेट में हिस्सा न लें।

थामस फ़्रेडमैन ने लिखा कि मुझे डोनल्ड ट्रम्प के साथ जो बाइडन की डिबेट के बारे में गहरी चिंता है। उन्हें डिबेट में दो शर्तों के साथ हिस्सा लेना चाहिए वरना वह ट्रम्प को फ़ायदा पहुंचा देंगे।

एक तो यह कि बाइडन एलान कर दें कि ट्रम्प के साथ तभी डिबेट करेंगे जब ट्रम्प 2016 से 2018 तक अपने टैक्स रिटर्न की पूरी डिटेल जारी कर दें। बाइडन ख़ुद यह काम कर चुके हैं और उनकी सारी डिटेल उनकी वेबसाइट पर है। ट्रम्प को अब आगे यह मौक़ा नहीं मिलना चाहिए कि वह अपने संदिग्ध फ़ायनान्स को पर्दे में रखें और दूसरों पर हमले करते रहें।

दूसरे यह कि बाइडन एक फ़ैक्ट चेकिंग टीम की मांग करें जिसे दोनों उम्मीदवारों की स्वीकृति प्राप्त हो और इसे प्रेज़िडेन्शियल डिबेट के कमीशन द्वारा हायर किया जाए। इस टीम का काम यह हो कि डिबेट के नतीजे का एलान होने से पहले यह रिपोर्ट दे कि डिबेट के दौरान किसी उम्मीदवार ने झूठ तो नहीं बोला है या अधूरा सच तो नहीं बयान किया है। यह हुआ तो टीवी के दर्शकों को गुमराह होने से बचाया जा सकेगा।

इस समय आपीनियन पोल में ट्रम्प बुरी तरह पिछड़ गए हैं तो बाइडन को इस महत्वपूर्ण समय में ट्रम्प को कोई ग़लत फ़ायदा लेने का मौक़ा नहीं देना चाहिए।

ज़ाहिर है कि ट्रम्प इन शर्तों को सुनकर टूट पड़ेंगे और यही कहेंगे कि इसका तो सवाल ही पैदा नहीं होता। तो ठीक है, अमरीकी मतदाताओं की आंख के सामने यह तथ्य आना चाहिए कि ट्रम्प टैक्स रिटर्न की डिटेल छिपा रहे हैं जबकि बाइडन ने अपनी पूरी जानकारी आम कर दी है।

अगर रिपब्लिकन सेनेटर और फ़ाक्स न्यूज़ ट्रम्प की टैक्स रिटर्न छिपाए जाने और उनके झूठ को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं क्योंकि वह ट्रम्प और उनके जनाधार से डरते हैं तो बाइडन को इसका डर नहीं होना चाहिए। इस समय टैक्स और सच का मुद्दा मतदाताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होना चाहिए इसका उनके चयन में असर होना चाहिए। ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भी अपना व्यापार नहीं छोड़ा है जबकि पिछले राष्ट्रपतियों की परम्परा रही है कि वह वाइट हाउस में पहुंचने के बाद अपना बिज़नेस दूसरों को सौंप दिया करते थे। ट्रम्प ने अपना बिज़नेस जिस ट्रस्ट को सौंपा है उसके ट्रस्टी उनके बड़े बेटे हैं और दूसरे ट्रस्टी ट्रम्प की आर्गनाइज़ेशन के मुख्य फ़ायनान्स आफ़ीसर वेज़लबर्ग हैं। तो यह बिज़नेस दूसरे को सौंपना नहीं एक जोक है।

मीडिया का एक बड़ा तबक़ा ट्रम्प से नाराज़ है, यही नहीं ट्रम्प की अपनी पार्टी के बहुत से नेता उनसे नाराज़ हैं और खुलकर कह चुके हैं कि वह ट्रम्प को वोट नहीं देंगे, ट्रम्प की भतीजी ने अपनी किताब में ट्रम्प के बारे में बहुत से राज़ खोल दिए हैं और यह संकल्प लिया है कि वह ट्रम्प को यह मौक़ा नहीं देंगी कि वह अमरीका को बर्बाद करें। जान बोल्टन भी अपनी किताब में बहुत कुछ बयान कर चुके हैं।

कोरोना वायरस ने अमरीका की दुर्दशा करके रख दी है और अर्थ व्यवस्था को बहुत गहरे आघात पहुंच चुके हैं तो इन विपरीत परिस्थितियों में ट्रम्प की क्या रणनीति होगी?

कुछ पर्यवेक्षक मानते हैं कि ट्रम्प अपने ट्वीट और बयानों से हंगामा खड़ा कर देने की महारत रखते हैं वह इतने झूठ बोलते हैं कि विरोधी पक्ष उनके झूठ गिनने और बयान करने में व्यस्त हो जाता है और अपनी बात संपूर्ण रूप में पेश नहीं कर पाता जिसका नतीजा यह होता है कि ट्रम्प वातावरण पर छा जाते हैं।

वर्तमान प्रतिकूल परिस्थितियों में भी ट्रम्प की यही शैली होगी और वह सामने वाले पक्ष के बारे में इतने झूठ बोलेंगे कि उसका सारा समय अपनी सफ़ाई पेश करने में ही गुज़र जाएगा।

स्रोतः न्यूयार्क टाइम्ज़+एजेंसियां