AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
बुधवार

8 जुलाई 2020

1:57:20 pm
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क्या अमरीका व चीन टकरा जाएंगे? किसमें कितना है दम? रायुलयौम का विश्लेषण

अमरीका में स्वाधीनता दिवस कोरोना से होने वाली मौत और काले गोरे के तनाव की वजह से खुशियां भरा नहीं रहा।

 राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस अवसर पर जो भाषण दिया उसमें चीन पर धावा बोलना नहीं भूले। उन्होंने चीन पर एक बार फिर यह आरोप लगाया कि उसने कोरोना फैलाया, हांगकांग और ईगोर मुसलमानों के अधिकारों का हनन कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने चीन के कुछ अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों की धमकी भी दी।

    ट्रम्प ने चीन और अमरीका के बीच तनाव में वृद्धि के दौरान यह धमकियां दी हैं। इसी दौरान दक्षिणी चीन सागर में चीन युद्धाभ्यास भी कर रहा है। दक्षिणी चीन सागर गैस व तेल की दौलत से समृद्ध है और चीन का कहना है कि दक्षिणी चीन सागर का 99 प्रतिशत भाग पर चीन का अधिकार है और मलेशिया, वियतनाम, ब्रूनई और फिलीपीन के सारे दावे गलत हैं। अमरीकी सरकार ने चीन के इस युद्धाभ्यास को अपने और पूर्वी एशिया में अपने घटकों के लिए भड़काऊ कार्यवाही कहा और तीन युद्धपोत भेज दिये जिसे चीन ने शक्ति प्रदर्शन और शत्रुतापूर्ण इरादे का चिन्ह बताया।

    वह सच्चाई जिसे राष्ट्रपति ट्रम्प स्वीकार नहीं करना चाहते यह है कि उनका देश पतन की ओर बढ़ रहा है जबकि चीन राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य क्षेत्रों में बढ़ रहा है और उसके पास रूस, पाकिस्तान और उत्तरी कोरिया जैसे घटक देश हैं जिनके पास परमाणु शक्ति भी है जबकि मध्य पूर्व में अमरीकी घटक और इस्राईल आंतरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और स्वंय अमरीका पर बोझ हैं।

 चीन के राष्ट्रपति शिन जिंनपिंग अमरीकी के गुस्से की अनदेखी कर रहे हैं और ट्रम्प और उनकी हाय तौबा पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। वह बड़े आराम से चीन को विश्व पटल पर पहली आर्थिक व सैन्य शक्ति बनने की ओर ले जा रहे हैं और चीन को उस पोज़ीशन तक पहुंचने में दस साल से अधिक का समय नहीं लगेगा।

    अमरीकी अधिकारी और उनके अरब मित्र यह सोचते हैं कि महाचीन का सपना कभी पूरा नहीं होगा क्योंकि अमरीक के पास बड़ी सैन्य शक्ति है और उसकी नौसेना के पास अत्याधुनिक विमानवाहक पोत और युद्धक विमान हैं लेकिन चीनी उनकी इस सोच का मज़ाक उड़ाते हैं।

    चीन साइबर युद्ध में काफी आगे है, उसके पास मिसाइल की शक्ति भी काफी अधिक है और ऐसे बहुत से हथियार हैं जिनके बारे में अभी चीन ने किसी को कुछ नहीं बताया है। चीनी नेतृत्व ने कोरोना मैनेजमेंट से भी पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है।

    आज अमरीका के स्वाधीनता दिवस पर यह साफ पता चलता है कि वह एक हारा हुआ सुपर पावर है जिसके शरीर को आर्थिक समस्याओं, नस्लवाद और आतंरिक संकट खोखला कर चुके हैं। कभी शेर बनने वाले नेटो के दांत और पंजे भी झड़ चुके हैं और उसके पारंपरिक घटक उससे दूर हो रहे हैं।

    चीन और अमरीका के बीच शीत युद्ध का भड़कना बहुत अधिक संभव है जो टकराव में भी बदल सकता है हालांकि दोनों पक्ष ज़ोर दे रहे हैं कि वह युद्ध नहीं चाहते लेकिन अमरीकी सैन्य हस्तक्षेप, विमानवाहक पोतों की तैनाती और ताइवान को आधुनिक हथियार देना तथ चीन के खिलाफ प्रतिबंधों का हथियार इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि ट्रम्प सरकार के इरादे पूरी तरह से शांतिपूर्ण नहीं हैं।Q.A. साभार, रायुल यौम, लंदन