इस्लमाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस आमिर फ़ारूक़ ने मंदिर के निर्माण के ख़िलाफ़ एक नागरिक चौधरी तनवीर की याचिका पर सुनवाई की जिसके दौरान अदालत ने सीडीए से पूछा कि प्लाट कहां स्थित है और किस मक़सद के लिए इस्तेमाल होगा? इस पर सीडीए की ओर से जवाब दिया गया कि एच नाइन टू में 2016 में प्लाट देने के बारे में कार्रवाई शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि यह जगह हिंदू समुदाय को मंदिर, कम्युनिटी सेंटर या शमशान घाट के लिए एलाट की गई थी और इसी प्लाट के साथ ईसाई, क़ादियानी और बौद्ध मत के मानने वालों के लिए क़ब्रिस्तान की जगह एलाट की जा चुकी है।
सुनवाई के दौरान डिप्टी एटार्नी जनरल राजा ख़ालिद महमूद ने कहा कि इस मामले में इस्लामी वैचारिक परिषद से राय ली गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है, संविधान ग़ैर मुस्लिमों को इसकी अनुमति देता है।
अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फ़ैसला सुरक्षित कर लिया।