AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

25 जून 2020

3:31:31 pm
1050327

सीरियाई विदेश मंत्री के बयान के बाद सीरिया पर इस्राईली हमलों का मतलब ... ख़बर एक, समीक्षा अनेक

सीरिया के विदेश मंत्री वलीद अलमुअल्लिम की ओर से अमरीका के सीज़र एक्ट के मुक़ाबले में अपने देश के भरपूर प्रतिरोध के संकल्प के बारे में बयान दिए जाने के बाद, इस्राईल ने हालिया महीनों में सीरिया पर अपना अब तक का सबसे बड़ा हमला किया।

सीरिया के कई प्रांतों पर किए गए इस्राईल के इन हमलों में कम से कम दो व्यक्ति शहीद और कई अन्य घायल हो गए। इस संबंध में कई समीक्षाएं सामने आई हैं।

  • सीरिया के ख़िलाफ़ अमरीकी संसद में सीज़र एक्ट पारित व लागू किए जाने और इस देश को ठप्प कर देने वाले प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा के एक हफ़्ते बाद सीरिया के विदेश मंत्री ने एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि उनका देश इस अत्याचारपूर्ण प्रतबंध के मुक़ाबले में भरपूर प्रतिरोध का संकल्प रखता है। यह बयान, प्रतिबंधों के आरंभिक दिनों में ही उनकी विफलता को साबित करने के अलावा यह भी दर्शाता है कि दमिश्क़ इसका कड़ा मुक़ाबला करेगा। इन हालात में सीरिया पर ज़ायोनी शासन के हमले का मतलब यह है कि वह अमरीका के इन प्रतिबंधों का समर्थक है और इन प्रतिबंधों को सफल होना ही चाहिए चाहे इसके लिए हिंसा व बल का ही प्रयोग क्यों न करना पड़े।
  • सीरियाई विदेश मंत्री की ओर से जाॅर्डन के इस रुख़ की सराहना कि, सीज़र एक्ट अम्मान व दमिश्क़ के बीच व्यापारिक लेन देन पर प्रभाव नहीं डालेगा, इस्राईल के अधिक क्रोधित होने का कारण बनी है। कुछ ही दिन पहले एक ज़ायोनी संचार माध्यम ने जाॅर्डन को धमकी दी थी कि वह कुछ ही घंटे में इस्राईल के क़ब्ज़े में आ सकता है!
  • अमरीका की ओर से संयुक्त अरब इमारात को धमकी दिए जाने के बावजूद, इस देश से सीरिया के संबंधों का वलीद अलमुअल्लिम की ओर से स्वागत भी यह दर्शाता है कि सीज़र क़ानून में वह दम नहीं है जितना अमरीका समझ रहा था।
  • कहा जा रहा है कि इस्राईल ने तनफ़ में अमरीकी सैन्य छावनी से सीरिया पर हमले किए हैं। यह वास्तव में सीज़र क़ानून से आशाएं पूरी न होने पर अमरीका व ज़ायोनी शासन दोनों की संयुक्त झल्लाहट और क्रोध को दर्शाता है।
  • पिछले हफ़्ते सीरिया के कुछ प्रांतों में कथित रूप से जनता के प्रदर्शन कराने और सरकार से जनता की नाराज़गी का प्रचार करने की कोशिश की गई लेकिन सीरियाई जनता की होशियारी ने इस्राईल की ओर से कराए जाने वाले इन प्रदर्शनों का स्वागत नहीं किया जिससे खीज कर ज़ायोनी शासन ने सीरियाई जनता से बदला लेने की कोशिश की है।
  • सीरियाई नेताओं के बयानों में कहा गया है कि इस्राईल इस तरह की कार्यवाहियां करके सीरिया में युद्ध और संकट को लम्बा खींचना चाहता है। लगता है इस संबंध में अमरीका व इस्राईल जिस चीज़ पर सबसे ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं वह मौजूदा हालात में सीज़ार क़ानून के प्रभाव की ओर से निश्चिंत होना है।

इन सब बातों के मद्देनज़र इस बात की आशा रखी जा सकती है कि अमरीका व इस्राईल अपने प्रतिबंधों व लक्ष्यों की प्राप्ति में जितना नाकाम रहेंगे, उतना ही अपने हमलों बढ़ाते रहेंगे लेकिन जो बात स्पष्ट है वह यह है कि सीरियाई जनता अपने देश की रक्षा और शांति बहाली को प्राथमिकता देती है और किसी भी स्थिति में वह एक नए संकट के माध्यम से मौजूदा संकट को ख़त्म करने का स्वागत नहीं करेगी और वह भी ऐसी हालत में कि जब नया संकट जो अमरीका व इस्राईल द्वारा तैयार किया गया हो।