AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
सोमवार

22 जून 2020

2:20:03 pm
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एक और ख़ाशुक़जी, बिन सलमान की ज़द में, इस बार कनाडा में

फ़्रान्स के मशहूर दार्शनिक वाॅल्टर का कहना है कि "मूर्ख इंसान कुछ भी कर सकता है।" सोचने वाली बात यह है कि अगर एक मूर्ख इंसान किसी तानाशाही सरकार का प्रमुख हो तो फिर क्या क्या हो सकता है?

ग़लतियों व अपराधों को बार बार दोहराना, उन लोगों के अंदर पाए जाने वाले घमंड व अहंकार का पता देता है जो इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं होते कि दूसरों को ही अपने विचार बयान करने का हक़ है। कभी कभी इस तरह के विरोधियों से जीवन का हक़ भी छीन लिया जाता है। कनाडा में रह कर राजनैतिक व क़ानूनी गतिविधियां करने वाले सऊदी शासन के युवा विरोधी उमर बिन अब्दुल अज़ीज़, ने कुछ ऐसी सूचनाएं दी हैं जिन्हें कनाडा की पुलिस उनके लिए जान का ख़तरा बता रही है। पुलिस ने उनसे कहा है कि वे बहुत ज़्यादा सावधानी से काम लें और अपनी सुरक्षा का ख़याल रखें। कनाडा की पुलिस का कहना है कि इस ख़तरे का स्रोत सऊदी अरब की सरकार हो सकती है क्योंकि उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ आले सऊद विशेष कर युवराज मुहम्मद बिन सलमान की नीतियों का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

 

सऊदी अरब की सरकार ने उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ के लिए जो साज़िश तैयार की है वह शायद अभी स्पष्ट न हो विशेष कर इस लिए कि ख़ुद उनका कहना है कि उन्हें यह पता नहीं है कि उनके ख़िलाफ़ किस तरह की साज़िश की जा रही है, उनका अपहरण किया जाएगा या उन्हें जान से मारने की कोशिश की जाएगी? उनके वकील ने भी बताया है कि कनाडा की सरकार ने उनसे कई बार संपर्क करके उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ की जान पर मंडरा रहे ख़तरे के बारे में सचेत किया है। उन्होंने बताया कि अंतिम बार जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्हें महसूस हुआ कि इस बार कुछ अलग है, यह औपचारिक चेतावनी थी जो उन तक तेज़ी से पहुंचाई गई। उन्हें लगता है  कि यह चेतावनी एक दम सच्ची व गंभीर है।

 

यह सारा घटनाक्रम, उस मशहूर केस की याद दिलाता है जो अब भी बिन सलमान के लिए भयानक सपना बना हुआ है और वह केस है सऊदी अरब के मशहूर पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या का जिन्हें सन 2018 में इस्तंबोल में अपने देश के कौंसलेट में बड़ी बेदर्दी से क़त्ल कर दिया गया था। अमरीका के ख़ुफ़िया विभाग को पता चल गया कि इस हत्याकांड के लिए बिन सलमान ही सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं। विश्व स्तर पर भी सऊदी अधिकारियों को इस हत्याकांड के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। पूरी दुनिया में मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब की कार्यवाहियों की निंदा की।

 

ऐसा लगता है कि सऊदी अरब में सत्ता की लगाम अपने हाथ में लिए हुए बिन सलमान, इतनी ज़्यादा आलोचनाओं के बावजूद अपनी मूर्खताओं से बाज़ नहीं आ रहे हैं। सऊदी अरब की सरकार की सोच ही ऐसी है कि वह किसी भी तरह के विरोध या आपत्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकती। सऊदी अधिकारियों की तानाशाही व आत्ममुग्धता की कोई हद नहीं है। उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ शायद अकेले आदमी नहीं हैं जिन्हें बिन सलमान कनाडा में निशाना बनाना चाह रहे हैं बल्कि साद अलजबरी भी संभावित रूप से उनका निशाना हो सकते हैं। बहुत से लोग अलजबरी को सऊदी अधिकारियों का "ब्लैक बाॅक्स" मानते हैं क्योंकि वे सऊदी अरब की ख़ुफ़िया एजेंसी में एक उच्च पद पर थे।

 

सऊदी अरब के विरोधियों में सबसे ज़्यादा ख़तरा उन लोगों के लिए जिनके परिवार अब भी सऊदी अरब में हैं। यह चीज़ उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ के परिजनों व दोस्तों के साथ हो चुकी है। सन 2018 में सऊदी अधिकारियों ने उमर के मोबाइल की जासूसी करके उनके दोस्तों को भी गिरफ़्तार कर लिया था। सऊदी सुरक्षा बलों ने इसी तरह नके बेटे और बेटी को भी गिरफ़्तार कर लिया। ये लोग मार्च के महीने से लापता हैं और इस क्षण तक किसी को भी उनके बारे में कोई सूचना नहीं है। इस लिए ऐसा लगता है कि सऊदी अरब की तानाशाही सरकार के विरोधी, देश में भी और देश के बाहर भी सुरक्षित नहीं है और इसी तरह उनके दोस्त व परिजन भी  बिन सलमान के कोप से बच नहीं सकते। अपने आपको मुसलमानों के दो सबसे पवित्र स्थलों का सेवक कहने वाले सऊदी शासकों को शायद क़ुरआने मजीद की यह आयत याद नहीं है कि "कोई भी किसी दूसरे के पाप का बोझ नहीं उठाएगा।" बिन सलमान अपने व्यक्ति लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सभी इंसानी व इस्लामी मान्यताओं को रौंदते चले जा रहे हैं।