AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

7 जून 2020

1:12:40 pm
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फ़िलिस्तीनी शेर की मौत, ईरान दुख में शामिल, एफ़बीआई को क्यों वांछित थे रमज़ान अब्दुल्लाह, प्रोफ़ेसर से लेकर जेहाद तक के स्वर्णिम

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के महासचिव रमज़ान अब्दुल्लाह शलह की मौत पर सांत्वना पेश की है।

विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने रविवार को अपने संदेश में कहा कि रमज़ान अब्दुल्लाह शलह का अतीत, ज़ायोनी शासन से संघर्ष और जेहाद के क्षेत्र में पुराना रहा है और वह फ़िलिस्तीन के क्षेत्र में राष्ट्रीय हस्ती और संघर्षकर्ता थे जिन्होंने कठिन और सख़्त हालात में अपनी ज़िदगी गुज़ारी और समस्त ख़तरों और धमकियों के बावजूद साहस और वीरता के साथ संघर्ष के मार्ग पर डटे रहे।

जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि रमज़ान अब्दुल्लाह विचारक, विनम्र, बुद्धिजीवी और बहुत ही अच्छे स्वभाव के व्यक्ति थे जो क्षेत्र और दुनिया के हालात पर अच्छी नज़र रखते थे और उन्होंने फ़िलिस्तीनी जनता और गुटों तथा इस्लामी गुटों के बीच एकता को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

श्री जवाद ज़रीफ़ रमज़ान अब्दुल्लाह, अत्याचारग्रस्त फ़िलिस्तीनी जनता के समर्थक के रूप में ईरान की प्रगति और विकास के हमेशा समर्थक रहे।

ज्ञात रहे कि फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के महासचिव डाक्टर रमज़ान अब्दुल्लाह का एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 

रमज़ान अब्दुल्लाह ग़ज़्ज़ा विश्वविद्यालय में अर्थव्यवस्था के प्रोफ़ेसर और फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के संस्थापकों में थे जो 1995 से इस संगठन के महासचिव के रूप में ज़िम्मेदारी अदा कर रहे थे।

जेहादे इस्लामी के संस्थापक और लीडर डाक्टर फ़त्ही शेक़ाक़ी की शहादत के बाद रमज़ान अब्दुल्लाह को इस संगठन का महासचिव बनाया गया था। फ़िलिस्तीनी काज़ का हर संभव समर्थन और ज़ायोनी शासन से मुक़ाबले में उनकी प्रभावी भूमिका की वजह से वह एफ़बीआई को वांछित थे। 

वह 1993 से 1995 तक दक्षिणी फ़्लोरेडा के विश्वविद्यालय में मध्यपूर्व अध्ययन के प्रोफ़ेसर थे। डाक्टर रमज़ान अब्दुल्लाह अरबी और हेब्रू भाषा में निपुण थे।