सऊदी अरब के अख़बार ओकाज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि फ़रवरी महीने में सऊदी अरब में तलाक़ की दर में 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इस महीने में देश में 7 हज़ार 482 तलाक़ें हुईं या तलाक़ की क़ानूनी कार्यावाही की गई।
रिपोर्ट में बताया गया कि लाक डाउन के दौरान आम सऊदी जोड़ों ही नहीं बल्कि पढ़ी लिखी महिलाओं ने भी तलाक़ के लिए ज़्यादा आवेदन किए जिसे ख़ुला कहा जाता है। इन महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस बात की आशंका है कि उनके शौहरों ने दूसरी भी शादियां कर रखी हैं।
ख़ुला के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं में डाक्टर और महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता तलाल मुहम्मद अन्नशीरी ने कहा कि लाक डाउन के कारण बहुत सी सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं।