AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

31 मई 2020

1:33:17 pm
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ईरान शहीद सुलैमानी के खून का बदला लेता रहेगा, अमरीका को अपने इलाक़े से खदेड़ कर ही दम लेंगे, ईरान के नवनिर्वाचित स्पीकर का एलान

इस्लामी गणतंत्र ईरान के नव निर्वाचित संसद सभापति ने संसद की खुली कार्यवाही में अपने भाषण में कहा कि जिस तरह से दुश्मनों ने ईरान की व्यवस्था को अपने हमलों का निशाना बन रखा है और जिस तरह से इस्लामी व्यवस्था डटी रही उससे पता चलता है कि आज, इस्लामी क्रांति, पुंजीवादी व्यवस्था के लिए एक चुनौती बन चुकी है।

    ईरान के नव निर्वाचित स्पीकर मुहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़  ने कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति के 40 वर्षीय अतीत पर एक नज़र डालने से यह साबित होता है कि कुछ समस्याओं और कमियों के बावजूद ईरान दुश्मनों के सभी सैनिक, राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय, सुरक्षा संबंधी और सांस्कृतिक मैदानों में हमलों के सामने डटा रहा और अपने उच्च लक्ष्यों  से एक क़दम भी पीछे नहीं हटा।

    संसद सभापति ने कहा कि ईरान की इस्लामी व्यवस्था, दिन प्रतिदिन मज़बूत हो रही है और आज ईरान क्षेत्र की एक शक्ति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली देश समझा जाता है।

    ईरान के संसद सभापति  ने कहा कि संसद शहीद सुलैमानी की राह जारी रखेगी और प्रतिरोध मोर्चे के सशक्तिकरण, फिलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थन, लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के साथ सहयोग और हमास इसलामी जेहाद और यमन की पीड़ित जनता की मदद को अपना क्रांतिय और राष्ट्रीय कर्तव्य समझती है।

    उन्होंने कहा कि ईरानी संसद हमेशा इराक़ की जनता और वरिष्ठ धर्म नेतृत्व के साथ खड़ी है और उनके साथ हर प्रकार के सहयोग पर तैयार है।

    संसद सभापति ने यह संसद, साम्राज्यवाद के विरुद्ध संधर्ष को अपनी आस्था का भाग तथा महत्वपूर्ण हितों में से समझती है और साम्राज्यवाद के केन्द्र के रूप में अमरीका के साथ वार्ता या सांठ गांठ को निर्रथक और हानिकारक समझती है।

    उन्होंने कहा कि आतंकवादी अमरीका के साथ हमारा व्यवहार, शहीद सुलेमानी के खून के बदल के क्रम को पूरा करना है जो अमरीका की  एनुल असद छावनी पर ईरान के अभूतपूर्व  हमले से शुरु हुआ था और इलाक़े से आतंकवादी अमरीका को पूर्ण रूप से खदेड़े जाने के बाद खत्म होगा।