अलमनार टीवी चैनल से प्रसारित होने वाले अपने भाषण में सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि फ़िलिस्तीन की धरती और वहां के पवित्र स्थलों को आज़ाद कराने का एक ही रास्ता है कि हर रूप में प्रतिरोध जारी रहे।
हिज़्बुल्लाह के प्रमुख ने कहा कि भूमध्य सागर के तट से जार्डन नदी तक का पूरा इलाक़ा फ़िलिस्तीन है और यह फ़िलिस्तीनियों को मिलना चाहिए, हम जल्द ही बैतुल मुक़द्दस को आज़ाद कराके वहां नमाज़ पढ़ेगे। उन्होंने कहा कि हम क़ुद्स की आज़ादी के बहुत क़रीब पहुंच चुके हैं।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस साल का विश्व क़ुद्स दिवस 25 मई सन 2000 को लेबनान में इस्राईली सेना की बहुत बड़ी पराजय की वर्षगांठ के समय आया है।
हिज़्बुल्लाह के प्रमुख का कहना था फ़िलिस्तीनी हो या बाहरी किसी को भी हक़ नहीं है कि फ़िलिस्तीन की एक इंच ज़मीन भी किसी अन्य को देने की बात करे।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि प्रतिरोध के ज़रिए ही फ़िलिस्तीन को आज़ाद कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ अरब सरकारें इस्राईल से रिश्ते क़ायम करने के लिए बेचैन हैं उनकी यह कोशिशें निंदनीय हैं।
हिज़्बुल्लाह के प्रमुख का कहना था कि अमरीका और इस्राईल के एजेंडे का मुक़ाबला करने वाले मोर्चे का ध्रुव ईरान है इसी लिए उस पर अमरीका और इस्राईल की ओर से हमले होते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प परमाणु समझौते से इसी लिए बाहर निकले थे कि ईरान पर दबाव पड़े मगर अमरीका और इस्राईल की यह साज़िश भी नाकाम हुई।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस्राईल ने कोरोना की महामारी से बड़ी उम्मीद लगा रखी थी लेकिन ईरान इस संकट से भी बड़ी सफलता के साथ बाहर निकल आया।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने सीरिया के बारे में बात करते हुए कहा कि सीरिया ने बहुत बड़ी लड़ाई जीत ली और उस ख़तरनाक साज़िश को नाकाम कर दिया जो अमरीका और इस्राईल ने रची थी।