AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शुक्रवार

22 मई 2020

11:59:21 am
1039373

वह चार महत्वपूर्ण बदलाव क्या हैं जिनके चलते आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस्राईल को मिटा देने की मांग तेज़ की? इस साल का विश्व क़ुद्स दि

इस समय ईरान और इस्राईल के बीच जारी मनोवैज्ञानिक युद्ध में ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने बहुत बड़ा प्रहार करते हुए और विश्व क़ुद्स दिवस के प्रदर्शनों से कुछ ही घंटे पहले कहा कि इस्राईल सरकारी आतंकवाद में लिप्त है और फ़िलिस्तीन में बच्चों और आम नागरिकों को ज़िबह कर रहा है और ईरान हर उस देश और संगठन की मदद करेगा जो इस्राईल नामक कैंसर के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहा हो।

इस ख़ास वक़्त पर ईरान के सबसे प्रभावशाली नेता की ओर से इस्राईल पर इस बड़े प्रहार के कई कारण हैं।

  1. यह प्रहार ईरान और इस्राईल के बीच जारी साइबर युद्ध के दौरान किया गया है। गुरुवार को ईरानी हैकर्ज़ ने इस्राईल की कई सुरक्षा व नागरिक वेबसाइटों को हैक कर लिया और उन पर इस्राईल का विनाश क़रीब होने के नारे लिख दिए। इससे पहले भी इस्राईली सूत्रों ने कहा था कि इस्राईल के जल व स्वास्थ्य विभाग पर ईरान की ओर से साइबर हमला हुआ था। इस्राईल और अमरीका ने भी मिलकर गत 9 अप्रैल को बंदर अब्बास शहर की शहीद रजाई बंदरगाह पर साइबर हमला किया लेकिन वह नाकाम रहा।
  2. सीरिया के भीतर ईरानी ठिकानों पर इस्राईल के हमले तेज़ हो रहे हैं और हालिया दिनों इन हमलों में बड़ी तेज़ी नोट की गई है मगर इस्राईल सीरिया से ईरानी फ़ोर्सेज़ को निकालने की अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो सका है।
  3. ईरान और अमरीका के बीच भी तनाव बढ़ गया है। दोनों ओर से फ़ार्स खाड़ी में युद्धक नौकाओं के टकराव की धमकियां दी जा रही हैं। ईरान ने अपने 6 तेल टैंकर वेनेज़ोएला भेज दिए हैं जिन पर पेट्रोल लदा हुआ है। यह दर हक़ीक़त ईरान ने अमरीका को ललकारा है जिसने वेनेज़ोएला की नाकाबंदी कर रखी है। हो सकता है कि अमरीका ईरानी तेल टैंकरों का रास्ता रोके लेकिए उसे फिर फ़ार्स खाड़ी में ईरान की जवाबी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।
  4. ईरान कोरोना वायरस की महामारी से पैदा होने वाले संकट से बाहर निकल चुका है। यह देश अमरीका के प्रतिबंधों का सामना करने में भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है। तेल की क़ीमतें गिरने से जहां दूसरे बहु से देशों की अर्थ व्यवस्था लुढ़क गई है वहीं ईरान की अर्थ व्यवस्था इस झटके को आसानी से सहन कर ले गई क्योंकि ईरान ने तो पहले ही तेल का निर्यात प्रतिबंधों की वजह से काफ़ी कम कर दिया था।

इस्राईल की हालत यह है कि वह एक साथ एक से अधिक मोर्चे पर लड़ने में सक्षम नहीं है। यानी वह समुद्री, वायु और ज़मीनी लड़ाई के साथ ही साइबर युद्ध में भी कूद पड़ने की ताक़त नहीं रखता। ईरान साइबर युद्ध में बड़ी महारत रखता है और कई बार अपना प्रभुत्व साबित कर चुका है।

इस साल का क़ुद्स दिवस हर साल से अलग होगा, इसलिए नहीं कि कोरोना की वजह से रैलियां नहीं निकलेंगी बल्कि इसलिए भी कि इस्राईल के ख़िलाफ़ पूरे अरब जगत में भावना उत्तेजित है क्योंकि उसने वेस्ट बैंक के विलय का एलान करके पहले से ही चरम पर पहुंचे हुए तनावपूर्ण हालात को और भी तनावपूर्ण कर दिया है।

इंतेफ़ाज़ा बहुत जल्द शुरू होने वाला है और यह सैनिक इंतेफ़ाज़ा होगा क्योंकि फ़िलिस्तीनियों के पास अब हथियारों की कमी नहीं है। ग़ज़्ज़ा में मौजूद मिसाइल अगर अब तक वेस्ट बैंक के इलाक़े में नहीं पहुंचे हैं तो अब पहुंच जाएंगें इस्राईलियों के क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में बहुत बड़ी संख्या 15 साल से कम के किशोरों की है जो अपमान सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं।

आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अपने बयान में यह कहकर कि ज़ायोनीवाद एक नस्लपरस्त और चरमपंथी विचारधारा है जबकि यहूदी समाज इससे अलग है, इस बयान ने अमरीका और इस्राईल के हाथों से यहूदियों से हमदर्दी का कार्ड भी छीन लिया है।

हम यह बात एक बार फिर कहेंगे कि इस्राईल थरथर कांप रहा है क्योंकि उसे अपना गला दबता हुआ महसूस हो रहा है। इस बीच साइबर युद्ध तो वह चीज़ है जिसकी बहुत से लोगों को अपेक्षा नहीं थी। आने वाले दिन अलग होंगे क्योंकि अमरीका के हाथ से सुपर पावर की हैसियत निकलती जा रही है।

अब्दुल बारी अतवान

अरब जगत के विख्यात लेखक व टीकाकार