इस अवसर पर इस्राईल के ख़िलाफ़ ऑनलाइन अभियान जारी है और सोशल मीडिया पर #COVID1948 और #FlyTheFlag ट्रैंड कर रहा है। #COVID1948, सन् 1948 में दुनिया में इस्राईल नामक वायरस के अवैध रूप से जन्म लेने की ओर संकेत करता है।
हैशटैग कोविड-1948 और हैशटैग फ़्लाई द फ़्लैग के ऑनलाइन अभियान में ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता समेत कई अधिकारियों ने अपने ऑफ़िशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किए हैं।
Global protests from Asia & Africa to Latin America & Europe show that a global resistance has been formed against Zionism.#FlyTheFlag pic.twitter.com/O9PlXxU5hy
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) May 19, 2020
आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने अपने ट्वीट में कहा है कि एशिया से लेकर अफ़्रीक़ा, लैटिन अमरीका और यूरोप तक विश्व स्तर पर प्रदर्शनों से पता चलता है कि ज़ायोनीवाद के ख़िलाफ़ वैश्विक प्रतिरोध का गठन हो चुका है।
कुद्स डे के अवसर पर दुनिया भर के बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं ने ऑनलाइन अभियान में भाग लिया है और फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईल के ज़ुल्म और अत्याचारों का कड़ा विरोध किया है।
ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न से भारतीय मूल के शिया धर्मगुरु व बुद्धिजीवी सैय्यद अबुल क़ासिम रिज़वी ने ऐसे ही एक अभियान के तहत एक वर्चुअल कांफ़्रेंस समेत कई ऑनलाइन कार्यक्रमों में भाग लिया और इस्राईल के ख़ूनी इतिहास से पर्दा उठाया।
अल-क़ुद्स डे 2020 नामक वर्चुअल कांफ़्रेंस में मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी के अलावा, मौलाना कुमैल मेहदवी, मौलाना अशफ़ाक़ वहीदी, शेख़ नामी फ़रहत और यहूदी धर्मगुरु रब्बी डॉ. टिम एंडरसन ने संबोधित किया।
ऑनलाइन कार्यक्रमों में दुनिया भर से युवा और छात्रों ने मौलाना रिज़वी से क़ुद्स डे और फ़िलिस्तीन के इतिहास और इस्राईली अत्याचारों के बारे में सवाल पूछे।
इस्राईल के ख़िलाफ़ ऑनलाइन अभियान के तहत ईरान के विदेश मंत्रालय के ट्वीटर हैंडल से भी शुक्रवार को दो ट्वीट किए गए।
इन ट्वीट में इस्राईल के अत्याचारों का पर्दाफ़ाश करते हुए कहा गया है कि हिंसा, यातना, अत्याचार, नस्लवाद और बर्बरता ज़ायोनी शासन के डीएनए में शामिल है।
ट्वीट में कहा गया है कि ज़ायोनी इस्राईली शासन इंसानों को मौत के घाट उतारने की एक मशीन है, जिसके स्वभाव में ही फ़िलिस्तीनियों का अंधाधुंध जनसंहार करना है।