AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

30 अप्रैल 2020

11:16:24 am
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लेबनान में गृह युद्ध छेड़ने की अमरीकी कोशिश, हिज़्बुल्लाह को कमज़ोर करना है अस्ली लक्ष्य, फिर औंधे मुंह गिरेगी अमरीकी साज़िश

अगर हम समझना चाहते हैं कि लेबनान में इस समय जो हंगामा चल रहा है उसकी जड़ क्या है तो हमें मध्यपूर्व के मामलों में अमरीका के विदेश उपमंत्री डेविड शेनकर के उस बयान पर ग़ौर करना चाहिए जो उन्होंने सऊदी अरब के अलअरबिया टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में दिया।

शेनकर ने तीन बड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं से पर्दा उठाया है। इन बिंदुओं से यह भी समझा जा सकता है कि लेबनान में मौजूदा विवाद की जड़ क्या है और भविष्य में इस विवाद का अंजाम क्या होगा।

पहला बिंदु यह है कि लेबनान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रियाज़ सलामा 1993 से अमरीकी वित्त मंत्रालय से बहुत अच्छा सहयोग कर रहे हैं और उन्होंने हिज़्बुल्लाह आंदोलन के बैंक खातों को सील करवाने में मदद की।

दूसरा बिंदु यह है कि अमरीकी प्रतिबंधों से हिज़्बुल्लाह की ताक़त बहुत कम हो गई और ईरान अब हिज़्बुल्लाह की वित्तीय मदद नहीं कर पा रहा है।

तीसरा बिंदु यह है कि लेबनान में सुधार कार्य की ज़रूरत है ताकि यह देश उस स्थिति में पहुंच जाए कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं उसकी मदद कर सकें। इसके लिए लेबनान को कठोर फ़ैसले करने की ज़रूरत है।

शेनकर के बयान से जो नतीजा निकाला जा सकता है वह यह है कि रियाज़ सलामा की ताक़त का राज़ लेबनान के भीतर कुछ धड़ों और भ्रष्टाचारी दलों का समर्थन नहीं बल्कि ख़ुद अमरीका का समर्थन है जिसका मक़सद हिज़्बुल्लाह को कमज़ोर करना है। शायद यही वजह है कि हिज़्बुल्लाह के उप प्रमुख शैख़ नईम क़ासिम ने सलामह पर खुलकर आरोप लगाया कि देश की वर्तमान आर्थिक दुर्दशा के लिए वह ज़िम्मेदार हैं और उन्हीं की नीतियों के कारण लेबनानी लीरा की क़ीमत बहुत नीचे गिर गई है।

इस समय अमरीका लेबनान के सेंट्रल बैंक को प्रयोग करते हुए लेबनान में हिंसा और टकराव को हवा दे रहा है। अमरीका की कोशिश है कि लेबनान में विदेशी मुद्रा स्फीति बढ़ जाए, बेरोज़गारी बढ़े, लोग सड़कों पर उतरें और गृह युद्ध शुरू हो जाए।

शेनकर ने अपने बयान में कहा है कि लेबनान की सरकार को कठोर निर्णय करने होंगे लेकिन दरअस्ल उनकी मंशा यह है कि लेबनानी सरकार हिज़्बुल्लाह पर दबाव बढ़ाए और उसे निरस्त्र कर दे।

इसके साथ साथ इस्राईल ने सीरिया लेबनान सीमा के निकट हिज़्बुल्लाह के कमांडरो की गाड़ी को निशाना बनाया जिसमें वह बाल बाल बच गए जबकि इस्राईली सेना ने दमिश्क के क़रीब हिज़्बुल्लाह और ईरान के ठिकानों पर भी हमले किए यह सब कुछ लेबनान के ख़िलाफ़ जारी साज़िश का हिस्सा है।

हिज़्बुल्लाह के ख़िलाफ़ अमरीका की यह साज़िश हमें नहीं लगता कि सफल हो पाएगी। हालांकि लेबनान के भीतर और बाहर से इस साज़िश को समर्थन मिल रहा है लेकिन इसके सफल होने की संभावना ज़ीरो प्रतिशत के बराबर है। कारण यह है कि हिज़्बुल्लाह ने अपने ख़िलाफ़ होने वाली हर साज़िश को नाकाम बनाया है और अब वह पूरे इलाक़े के स्तर पर एक बड़ी त़ाकत के रूप में अपनी पहिचान बना चुका है। हिज़्बुल्लाह ने साबित कर दिया है कि उसे हर प्रकार के संकटों को हैंडल करना आता है।

अब्दुल बारी अतवान

अरब जगत के विख्यात लेखक व टीकाकार