AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

28 मार्च 2020

1:35:20 pm
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क्या तुर्की में सऊदी अरब ने कोरोना फैलाया? तुर्क गृह मंत्री ने कोरोना को उमरा करके आने वालों से क्यों जोड़ दिया? क्या प्रवासी तु

दुनिया के दूसरे देशों की तरह तुर्की भी कोरोना वायरस से निपट रहा है और उसने भी रोकथाम के लिए उसी प्रकार के क़दम उठाए हैं जैसे क़दम दुनिया के अन्य देशों ने उठाए हैं अलबत्ता अभी तुर्की में पूरी तरह कर्फ़्यू नहीं लगाया गया है।

तुर्की के गृह मंत्री सुलैमान सुवैलू ने एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि तुर्क सरकार बाज़ार को पूरी तरह बंद नहीं कर सकती। यानी तुर्की अपनी अर्थ व्यवस्था को दावं पर लगाकर कोरोना से संघर्ष नहीं करना चाहता। तुर्क सरकार सबसे ज़्यादा ज़ोर अपने नागरिकों की जागरुकता बढ़ाने पर दे रही है।

तुर्क गृह मंत्री ने इस इंटरव्यू में एक बात एसी कह दी जिससे विवाद खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने यह जानकारी छिपाई कि वहां उमरा करने गए लोगों के बीच कोरोना वायरस फैला है, जब उमरह करके वापस आने वालों में एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए तो तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल कार्यवाही की और ज़रूरी आदेश जारी किए गए।

तुर्क गृह मंत्री का यह बयान सऊदी अरब को आरोप और संदेह के कटहरे में खड़ा करने वाला है और एक तरह से उन्होंने यह कहना चाहा है कि सऊदी अरब ने जान बूझ कर तुर्की में कोरोना वायरस के प्रसार में मदद की है।

यह बात भी ध्यान योग्य है कि जब सारी दुनिया कोरोना वायरस से संघर्ष में लगी है, ठीक इसी बीच तुर्की के एटार्नी जनरल ने सऊदी अरब के पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले में 20 सऊदी नागरिकों को आरोपी बनाया जिनमें सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के सलाहकार सऊद अलक़हतानी और जनरल अहमद अलअसीरी शामिल हैं। इस हत्या कांड को 18 महीने गुज़र जाने के बाद अब इस समय चार्ज शीट दाखिल करना यह सवाल पैदा करता है कि तुर्क प्रशासन ने इसके लिए यह समय क्यों चुना है? इससे यह पता चलता है कि तुर्की और सऊदी अरब के बीच विवाद अपनी चरम सीमा पर है।

सऊदी न्यायिक व्यवस्था ने सऊद अलक़हतानी और अहमद अलअसीरी को ख़ाशुक़जी हत्याकांड में बरी कर दिया था लेकिन तुर्क एटार्नी जनरल ने इन दोनों को ही इस हत्या का अभियुक्त माना है और रेड कार्नर नोटस जारी करते हुए इंटरपोल को इस बारे में सूचित कर दिया है।

अब तक सऊदी अरब की ओर से तुर्की की चार्ज शीट और कोरोना फैलाने के संबंध में तुर्क गृह मंत्री की ओर से लगाए गए आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है मगर सऊदी अरब के मीडिया में यह ख़बर ज़रूर आई है कि वहां रहने वाले प्रवासी तुर्क नागरिक को अलअसीर प्रांत में कर्फ़्यू का उल्लंघन करने के मामले में गिरफ़तार कर लिया गया है। शायद सऊदी अरब ने इस तरह तुर्की को संदेश देना चाहा है कि अगर उसने सऊदी अरब पर आरोप लगाना जारी रखा तो सऊदी अरब में रहने वाले तुर्क नागरिकों के ख़िलाफ़ कार्यवाही होगी जिनकी संख्या 50 हज़ार के आस पास बताई जाती है। बल्कि यह भी हो सकता है कि तुर्क नागरिकों को सऊदी अरब वापस भेज दे।

ख़ालिद जयूसी

फ़िलिस्तीनी पत्रकार व टीकाकार