AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

14 मार्च 2020

5:18:12 pm
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सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के डर से कैनेडा भागा वरिष्ठ इंटेलीजेन्स अधिकारी, संस्थाओं में की गई है भारी उलटफेर!

सऊदी अरब का बड़ा इंटैलीजेन्स अधिकारी भागकर कैनेड चला गया है और उसने वहीं शरण ले ली। सअद अलजबरी नाम का वरिष्ठ इंटैलीजेन्स अधिकारी वास्तव में पूर्व क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन नाएफ़ का सलाहकार था जिन्हें पिछले सप्ताह गिरफ़तार कर लिया गया है।

मिडिल ईस्ट आई नामक मैगज़ीन में छपे लेख के अनुसार सअद अलजबरी ने सितम्बर 2015 में पूर्व सीआईए प्रमुख जान ब्रेनन से मुलाक़ात की थी मगर इस मुलाक़ात की ख़बर मुहम्मद बिन सलमान को पहले से नहीं दी गई थी। जब अलजब्री वाशिंग्टन से सऊदी अरब लौटे तो उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था।

मिडिल ईस्ट आई में छपे लेख के अनुसार वर्ष 2017 में जब मुहम्मद बिन नाएफ़ को क्राउन प्रिंस के पद से हटाकर यह ओहदा मुहम्मद बिन सलमान ने अपने हाथ में लिया तो उससे ठीक पहले सअद अलजब्री सऊदी अरब से भाग निकले।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अलजब्री को यह डर था कि मुहम्मद बिन नाएफ़ को पद से हटाए जाने के बाद अब उनके ख़िलाफ़ भी कार्यवाही हो सकती है।

हालिया दिनों अलजब्री को मुहम्मद बिन सलमान की ओर से धमकीपूर्ण संदेश मिले हैं कि उन्हें ज़बरदस्ती सऊदी अरब वापस लाया जा सकता है।

जिस समय बिन नाएफ़ सऊदी अरब के गृह मंत्री थे उस दौरान सअद अलजब्री और अब्दुल अज़ीज़ अलहुवैरीनी को इंटैलीजेन्स विभाग में ऊंचे पदों पर रखा गया था। अलजब्री ने ख़ुद को बिन नाएफ़ के क़रीब रखा जबकि अलहुवैरीनी ने बिन सलमान का सितारा चढ़ते देखा तो उन्होंने पाला बदल लिया और बिन सलमान के क़रीब हो गए।

2017 में बिन नाएफ़ को क्राउन प्रिंस के पद से हटाया गया और नज़रबंद कर दिया गया इसके साथ ही अलहुवैरीनी को भी पद से हटाकर नज़रबंद कर दिया गया है।

इसके बाद सऊदी गृह मंत्रालय के भीतरी ढांचे में बदलाव किया गया और अलहुवैरीनी को आंतरिक सेक्युरिटी एजेंसी का प्रमुख बना दिया गया।

मिडिल ईस्ट आई के लेख के अनुसार अलजब्री को जब सऊदी अरब से भागना हुआ तो वह पहले जर्मनी गए और वहां से अमरीका चले गए मगर अमरीकी इंटेलीजेन्स से मुहम्मद बिन नाएफ़ के क़रीबी संबंधों के अतीत के बावजूद अलजब्री को लगा कि वह अमरीका में सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि बिन सलमान के हाथों से वह वहां बच नहीं पाएंगे इसलिए वह 2017 में अमरीका से कैनेडा चले गए।

लेख में यह भी बताया गया है कि जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के बाद अमरीकी इंटेलीजेन्स ने बिन सलमान के कई विरोधियों की हत्या की कोशिश को नाकाम बनाया।

कुछ विशेषज्ञ यहां तक कहते हैं कि अगस्त 2018 में सऊदी अरब और कैनेडा के बीच जो कूटनैतिक संकट उत्पन्न हो गया  था उसकी एक वजह अलजब्री का मुद्दा भी था।