AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
मंगलवार

10 मार्च 2020

1:54:28 pm
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यज़ीद के भरे दरबार में उसकी धज्जियां उड़ाने वाली शेर दिल महिला के शोक में डूबा संसार

कर्बला की शेर दिल महिला हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस के अवसर पर सीरिया स्थिति उनके रौज़े, ईरान और इराक़ के विभिन्न शहरों में कार्यक्रमों और शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ईरान के पवित्र नगर क़ुम और पवित्र नगर मशहद में हज़रत ज़ैनब की शहादत के अवसर पर कार्यक्रम और शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद हैं जबकि इराक़ के पवित्र नगर कर्बला, काज़ेमैन और सामर्रा में भी शोक सभाओं और कार्यक्रमों के आयोजन की सूचना है।

पंद्रह रजब सन 63 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम के परिवार की एक महान महिला ने इस नश्वर संसार को विदा कहा।

हज़रत ज़ैनब एक चरित्रवान व पवित्र मन की महिला थीं। उनकी मां हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा और पिता हज़रत अली अलैहिस्सलाम जैसी महान हस्ती थी। वह 5 या 6 हिजरी क़मरी में पैदा हुयीं। वह इमाम हसन और इमाम हुसैन की बहन और पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम की नवासी हैं।

पैग़म्बरे इस्लाम ने उनका नाम ज़ैनब रखा जिसका अर्थ होता है पिता की शोभा। उनकी मीठी ज़बान से निकली हुयी वाणी सुनकर हज़रत फ़ातेमा ज़हरा और हज़रत अली अलैहिस्सलाम उत्साहित हो जाते थे। इतिहास के अनुसार, हज़रत ज़ैनब बचपन में ही पवित्र क़ुरआन और धार्मिक शिक्षाएं हासिल कर चुकी थीं और पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजन उन्हें आलेमा की उपाधि से बुलाते थे जिसका अर्थ होता है बहुत विद्वान। उन्होंने बचपन में ही क़ुरआन की आयतें याद कर ली थीं और पिता हज़रत अली और मां हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के प्रशिक्षण में पवित्र क़ुरआन के गूढ़ अर्थों से परिचित हुयीं।

* पार्स टूडे इस दुखद अवसर पर अपने दोस्तो की सेवा में हार्दिक संवेदना प्रस्तुत करता है*