मुफ़्ती ने अब सरकार के सामने पूर्ण रूप से समर्पण करते हुए मुस्लिम ब्रदरहुड विचारधारा से पूरी तरह ख़ुद को अलग कर लिया। उनके इस स्टैंड पर सोशल मीडिया में मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया है लेकिन बहुत से लोगों ने कहा है कि मुफ़्ती ने नरेश के क़दमों में सिर रख दिया है।
मुस्लिम ब्रदरहुड की विचारधारा से ख़ुद को अलग करने के लिए आएज़ अलक़रनी ने इस बार तुर्क राष्ट्रपति अर्दोग़ान को निशाना बनाया जिनका संबंध इसी विचारधारा से है और वह सऊदी सरकार के कट्टर विरोधी समझे जाते हैं। इससे पहले तक यह हालत थी कि क़रनी अर्दोग़ान की तारीफ़ के पुल बांधते रहते थे और इस्राईल के मामले में अर्दोग़ान की नीतियों की प्रशंसा करते नहीं थकते थे लेकिन अब वह कहते हैं कि अर्दोग़ान ने पूरे इस्लामी जगत को धोखा दिया। क़र्नी ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट की है जिसमें वह अर्दोग़ान पर जमकर हमले कर रहे हैं।
कुछ महीने पहले क़र्नी ने सऊदी प्रशासन से माफ़ी मांगी थी जिस पर क़रनी की बड़ी आलोचना की जा रही थी। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे थे कि क़रनी डर गए और सऊदी प्रशासन के हाथों बिक गए। उन्होंने कहा था कि दूसरे मुसलमानों की तरह वह भी धोखा खा गए थे। क़रनी का बयान एसे समय आया है जब तुर्की और सऊदी अरब की दुशमनी बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है। अर्दोग़ान ने हाल ही में सऊदी अरब पर बहुत तेज़ प्रहार किया और कहा था कि रियाज़ सरकार डील आफ़ सेंचुरी पर चुप्पी साधे हुए है, वह मक्का और मदीना की संरक्षक होने के दावे तो करती है लेकिन बैतुल मुक़द्दस के मामले में अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही है। लगता है कि इसी के जवाब में सऊदी प्रशासन के इशारे पर आएज़ क़रनी ने अर्दोग़ान पर हमला किया है।
क़रनी ने कहा कि मैं पहले इस बिंदु पर ध्यान नहीं दे पाया था कि तुर्की ने तो अपनी धरती पर इस्राईल का दूतावास खोल रखा है। क़रनी के अनुसार यह सब अर्दोग़ान के अपराध हैं। क़र्नी ने कहा कि अर्दोग़ान ने सीरियाई विद्रोहियों को पहले तो हरे बाग़ दिखाए और अब उनका साथ छोड़कर दमिश्क़ में अपना दूतावास पुनः खोलने की तैयारी में हैं।
क़र्नी ने यमन युद्ध का बचाव किया और मलेशिया में इस्लामी देशों के शिखर सम्मेलन की आलोचना की तो इन बातों को देखते हुए लोगों को यक़ीन है कि क़रनी को यह बयान लिखकर सऊदी प्रशासन की ओर से दिया गया है जिसे उन्होंने बस पढ़ दिया है।
हद तो यह हो गई कि क़रनी ने कहा कि मुस्लिम जगत और इस्लामी समुदाय का लीडर अगर कोई है तो वह किंग सलमान हैं।
यह मुद्दा भी महत्वपूर्ण है कि इस समय सऊदी अरब और तुर्की के बीच एक प्रतिस्पर्धा चल रही है और दोनों ही देश ख़ुद को इस्लामी जगत का लीडर साबित करने की कोशिश में लगे हुए हैं।