सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर इस अरब देश में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं, शिया धर्मगुरुओं, वहाबी विरोधी सुन्नी बुद्धिजीवियों के ख़िलाफ़ पिछले कई वर्षों से अभियान जारी है और उन्हें बड़ी संख्या में जेलों में डाला जा रहा है और उनके सिर क़लम किए जा रहे हैं।
लेबनान के अख़बार अल-अहद ने यूरोपीय-सऊदी ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर ह्यूमन राइट्स (ईएसओएचआर) के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि क़तीफ़ के शिया मुसलमानों को झूठे आरोपों में जेलों में बंद किया जा रहा है और उन्हें मौत की सज़ाएं सुनाई जा रही हैं।
मौत की सज़ा सुनाए जाने वालों के बीच मोहम्मद ईसाम अल-फ़रज भी हैं, जिन्हें 10 साल की उम्र में गिरफ़्तार करके जेल में क़ैद कर दिया गया था।
फ़रज का जुर्म सिर्फ़ इतना था कि उन्होंने सरकार विरोधी एक साइकल रैली में भाग लिया था।
एक स्थानीय सूत्र ने सुरक्षा कारणों से अपना नाम ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अल-फ़रज और अन्य कई युवाओं को एक अधिकारी द्वारा मौत की सज़ा सुना दी गई है और उन्हें अपना बचाव करने या वकील की सेवा लेने तक का अवसर नहीं दिया गया।
अब किसी भी वक़्त इन लोगों का सिर क़लम करके उन्हें मौत की सज़ा दे दी जाएगी, लेकिन इसके बारे में उनके परिजनों को सूचना तक नहीं दी जाएगी।
सऊदी अरब में राजनीतिक क़ैदियों को मौत की सज़ा देने के बाद, अज्ञात स्थान पर दफ़्न कर दिया जाता है।