इस्राईली अख़बार यदीऊत अहारोनोत ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एक इस्राईली वेबसाइट के मालिक एलेक्स लिवशीन ने सऊदी अरब की यात्रा की और वापस लौटने के बाद उन्होंने बताया कि सऊदी अरब को कोई भी इस्राईली अपना दुशमन न समझे क्योंकि वहां इस्राईलियों को बड़ा स्नेह मिलता है।
एलेक्स का कहना है कि सऊदी अरब अमरीका की तरह बहुत विशाल देश है, वहां यूरोप और अमरीका से आने वाले लोग हर जगह नज़र आते हैं। एलेक्स ने कहा कि पश्चिमी देशों के लोगों को सऊदी अरब में बहुत मोटी रक़म तनख़्वाह के रूप में दी जाती है।
दूसरी ओर सऊदी अरब की सरकार का रवैया हाजियों के बारे में बेहद आपत्तिजनक है। सऊदी सरकार अलग अलग बहानों से सीरिया, क़तर, यमन तथा कुछ अन्य देशों के नागरिकों को मक्का और मदीना जाने की अनुमति नहीं देती।
सऊदी अरब के इस रवैए पर क्या कहना चाहिए?!