AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

15 फ़रवरी 2020

6:41:47 pm
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रिपब्लिकन्स के बहुमत वाली सेनेट से भी ट्रम्प को लगा ज़ोरदार झटका, ईरान के ख़िलाफ़ युद्ध के मनमानी फ़ैसले पर अंकुश, क्या है इस प्

यह अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के मुंह पर ज़ोरदार तमाचा ही है कि ख़ुद उनकी पार्टी के सांसदों के बहुमत वाली सेनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर दिया है जिसके अनुसार ट्रम्प के लिए ईरान के ख़िलाफ़ कोई भी युद्ध शुरू करने से पहले संसद की अनुमति लेना ज़रूरी है।

इस प्रस्ताव का सीधा मतलब यह है कि ट्रम्प के पास युद्ध का फ़ैसला करने की योग्यता नहीं है और वह अपने फ़ैसले से अमरीका और अमरीकियों को ख़तरे में डाल सकते हैं।

ट्रम्प के लिए संभव है कि वह इस प्रस्ताव का हनन करें जैसे वह इससे पहले भी सेनेट और प्रतिनिधि सभा के प्रस्तावों का हनन करते रहे हैं लेकिन यह साफ़ हो गया है कि अमरीकी सेनेटरों का ट्रम्प पर विश्वास कम हुआ है। आठ रिपब्लिकन सेनेटरों ने तो ट्रम्प के विरुद्ध मतदान किया है।

ट्रम्प ने ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या का आदेश जारी किया था। इसी फ़ैसले को देखते हुए यह प्रस्ताव पारित किया गया है क्योंकि इस हत्या के फ़ैसले से कांग्रेस को पूरी तरह अंधेरे में रखा गया और इस हत्या के बाद पूरे इलाक़े में अमरीकी हित गंभीर रूप से ख़तरे में पड़ गए हैं। ईरान ने इस हत्या के बाद इराक़ में अमरीकी छावनी एनुल असद पर बड़ा मिसाइल हमला कर दिया, इराक़ी संसद ने अमरीकी सैनिकों को तत्काल बाहर निकाल देने का प्रस्ताव पारित किया जबकि स्वयंसेवी बलों ने कहा है कि वह भी जनरल क़ासिम सुलैमानी और अबू महदी अलमुहंदिस की हत्या का बदला ज़रूर लेंगे।

प्रतिनिधि सभा और सेनेट के सदस्यों को अच्छी तरह आभास है कि जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या के फ़ैसले के पीछे इस्राईली प्रधानमंत्री नेतनयाहू का हाथ है और उन्होंने ही इस्राईली हितों के लिए ट्रम्प को यह ख़तरा मोल लेने पर उकसाया था। अमरीकी सांसदो को इस बात की चिंता है कि ट्रम्प और उनके क़रीबी अधिकारियों पर इस्राईल का प्रभाव बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है और यह स्थिति अमरीका को ईरान के खिलाफ़ युद्ध में झोंक सकती है जिसमें पश्चिमी एशिया के इलाक़े में मौजूद हज़ारों अमरीकी सैनिकों की जान ख़तरे में पड़ जाएगी।

सेनेटर टामी डाकोवर्थ ने जो अपने दोनों पांव इराक़ युद्ध में गवां चुकी हैं ट्रम्प पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमरीकी संविधान और संस्थाओं का उल्लंघन करते हुए जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या का निर्णय लिया और इससे विश्व के अनेक भागों में मौजूद अमरीकियों के लिए ख़तरा बढ़ गया है।

एनुल असद छावनी पर ईरान के हमले में 100 से अधिक अमरीकी सैनिकों को गहरा ब्रेन शाक लगने की बात पेंटागोन ने अब तक स्वीकार की है जबकि इस बात की संभावना है कि यह संख्या और बढ़ जाए। दो दिन पहले इराक़ में करकूक के निकट अमरीकी छावनी के-1 पर अज्ञात लोगों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार कई मिसाइलों से हमला किया। ईरानी नेतृत्व बार बार कह रहा है कि जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या का इंतेक़ाम जारी रहेगा।

सवाल यह है कि जब ईरान के जवाबी हमले से अमरीका को कोई बड़ा नुक़सान नहीं हुआ है तो क्या वजह है कि इतनी जल्दी अमरीकी सेनेट ने प्रस्ताव पारित करके ट्रम्प पर नकेल कसने की कोशिश की है। इसका मतलब यह है कि सेनेट को हालात की पूरी ख़बर है और इसे देखते हुए उसने ट्रम्प को मूर्खतापूर्ण फ़ैसलों से रोकने के लिए यह क़दम उठाया है।

साभार रायुल यौम