यूरोपीय संसद में विदेशी मामलों की कमेटी को संबोधित करते हुए जुबैर ने कहा कि सऊदी अरब ने तो यमन के विकास के लिए 14 अरब डालर ख़र्च किए जबकि अंसारुल्लाह आंदोलन ने सऊदी अरब की धरती पर 300 मिसाइल और 100 ड्रोन हमले किए।
जुबैर ने कहा कि युद्ध की शुरूआत सऊदी अरब ने नहीं बल्कि अंसारुल्लाह आंदोलन ने की।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब यमन में अपनी मर्जी की सरकार सत्ता में लाने के लिए मार्च 2015 से इस युद्ध पर लगातार हमले कर रहा है। इस युद्ध से यमन को भारी नुक़सान उठाना पड़ा है लेकिन यमन की सेना और स्वयंसेवी बलों ने अपनी धरती की रक्षा की है और सऊदी अरब को मुंहतोड़ जवाब दिया है।