AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

18 जनवरी 2020

7:19:23 pm
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अज्ञात कारणों से मर रहे हैं अमरीकी सैनिक... कहीं यह ईरान के मिसाइल हमलों का शिकार तो नहीं? धीरे धीरे पहाड़ के नीचे आ रहा है अमरी

अमरीका ने इराक़ में अपनी छावनी एनुल असद पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद कहा कि कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ मगर अब हालात कुछ और बता रहे हैं।

   जब ईरान ने इराक़ में स्थित अमरीकी छावनी " एनुलअसद" पर जवाबी कार्यवाही करते हुए मिसाइल बरसाए तो अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने " आल इज़ वेल" ट्वीट करके सब कुछ अच्छा होने की खबर दी और फिर एक प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि ईरान के हमले से कोई नुक़सान नहीं हुआ है और न ही किसी अमरीकी सैनिक की जान गयी है। इसके बाद अमरीका और उसके घटकों से संबंधित मीडिया ने इस बात का जम कर प्रचार किया कि ईरान ने पहले से सूचना देकर हमला किया था इस लिए छावनी खाली थी और हमले से किसी भी प्रकार का नुक़सान नहीं हुआ, जबकि ईरान का कहना था कि हमले में दसियों अमरीकी सैनिक मारे गये और कुछ सूत्रों ने बताया कि मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या 80 है। लेकिन अमरीका इन्कार करता रहा आखिर अब अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने स्वीकार किया है कि उसके 11 सैनिक घायल हुए हैं। इतनी देर से स्वीकार करने पर पेंटागन ने सफाई दी है कि वाशिंग्टन में सैन्य अधिकारियों को गुरुवार को ही मालूम हुआ कि एनुलअसद के 11 सैनिकों को दिमागी चोट की वजह से इराक़ से बाहर ले जाया गया। पेंटागन के प्रवक्ता हॉफमैन ने कहा कि जहां तक इस आरोप का सवाल है कि हमने राजनीतिक कारणों से घायल सैनिकों को कम महत्व दिया, सही नहीं है।

    समाचार एजेन्सी रोयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि ईरान के हमले के एक हफ्ते बाद कुछ सैनिकों के घायल होने की बात स्वीकार करने से नयी चर्चा ने जनम ले लिया है। सीएनएन ने कहा है कि 11 अमरीकी सैनिकों के घायल होने से पता चलता है कि ईरान का हमला, आरंभिक अनुमानों से कहीं अधिक बड़ा और गंभीर था।

 अमरीका ने इधर एनुल असद में अपने 11 सैनिकों के घायल होने की बात स्वीकार की और उधर पता चलता कि जर्मनी में अमरीका के दो सैनिक मर गये हैं। इस खबर ने अमरीकी सेना को फिर संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है। ईरान में खबरें थीं कि एनुल असद पर हमले के बाद एक एयर एंबूलेंस, एनुल असद से जर्मनी गयी थी। अब एसोशिएटेड प्रेस ने बताया है कि बीस वर्ष के " खावियर ईफार्ट" और " एज़ेस एथ्रेस्ट" नामक दो अमरीकी सैनिक पिछले गुरुवार को पश्चिमी जर्मनी में अमरीकी छावनी में मर गये लेकिन उनके मौत के कारणों का पता नहीं है। अमरीका ने अपने दो सैनिकों की मौत का कोई कारण नहीं बताया है लेकिन कहा जा रहा है कि यह दोनों सैनिक सभांवित रूप से एनुल असद पर ईरान के मिसाइल हमले में घायल हुए होंगे और जर्मनी में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी लेकिन अमरीका यह स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि यह सैनिक, एनुलअसद पर ईरान के मिसाइल हमले में मारे गये।

    इसी प्रकार एक अमरीकी टीवी चैनल के लाइव शो में भी एक पिता रोते हुए यह कहता देखा जा सकता है कि सैनिक बेटा एक हफ्ते से लापता है और उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

    बहुत से लोगों ने पहले ही कहा था कि अमरीका, अगर एनुलअसद में अपने सैनिकों की मौत स्वीकार नहीं करना चाहेगा तो फिर दुनिया के विभिन्न इलाक़े में दुर्घटनाओं में अमरीकी सैनिकों के मारे जाने की खबर आएगी ताकि उनके शवों को अमरीका ले जाया जा सके। जर्मनी और एक अन्य क्षेत्र से बिना किसी कारण के अमरीकी सैनिकों की मौत से इन विचार को बल मिलता है।