डेनमार्क के टीवी चैनल के पत्रकार ने ऐनुल असद छावनी में तैनात अपने देश के सैनिकों के बयान को आधार बनाकर यह रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में डेनमार्क के सार्जन्ट जॉन और इस देश के कई सैनिकों के बयान का हवाला दिया गया है।
डेनमार्क के सार्जन्ट ने जो ईरान के जवाबी हवाई हमले के वक़्त ऐनुल असद छावनी के एक बंकर में मौजूद था, कहाः "अचानक हमले की पहली लहर आयी जिसमें लगभग एक एक टन के 9 रॉकेट लगे। इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। मैंने आज तक ऐसा अनुभव नहीं किया और न ही आगे ऐसा अनुभव करना चाहता हूं।"
डेनमार्क के इस सार्जन्ट ने कहाः "पहला हमला बहुत कठोर था, हमें लगा कुछ नहीं बचेगा। हमें हैरत थी कि हमारे सिर पर कोई चीज़ नहीं गिरी। मेरे विचार में सबसे निकट जो रॉकेट जो गिरा था वह 300 यार्ड की दूरी पर गिरा था। बाद में जब हम आस पास देखने निकले तो बहुत से हेलीकाप्टरों के आधे टुकड़े हो गए थे। इतने बड़े गढे बने थे कि उसमें एक वैन पार्क हो जाए।"
सार्जेन्ट जॉन ने कहा कि अमरीका ने जितना स्वीकार किया है उससे कहीं ज़्यादा नुक़सान पहुंचा। न सिर्फ़ इमारतें तबाह हुयीं बल्कि हेलीकाप्टर भी तबाह हुए।