AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

12 जनवरी 2020

4:26:59 pm
1001723

मिसाइल हमलों से जनरल सुलेमानी की मौत का इंतेक़ाम क्या पूरा हो गया? ईरान का अगला क़दम क्या होगा?

बुधवार को तड़के ईरान की इस्लामी क्रांति फ़ोर्स आईआरजीसी ने इराक़ स्थित अमरीका के दो सैन्य ठिकानों पर 13 मिसाइल फ़ायर किए।

आईआरजीसी के एक सीनियर कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीज़ादे का कहना था कि अगर अमरीका जवाबी हमला करता तो ईरान के सैकड़ों मिसाइल फ़ायर के लिए तैयार थे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अमरीकी लड़ाकू विमानों ने संयुक्त अरब इमारात स्थित सैन्य अड्डों से उड़ानें भी भरी थीं, लेकिन उन्होंने ईरान में किसी ठिकाने को निशाना बनाने की कोशिश नहीं की।

बुधवार की सुबह को ही ईरान के सुप्रीम लीडर ने अमरीकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों को केवल एक तमांचा क़रार दिया था और चेतावनी दी थी कि असली जवाबी कार्यवाही अभी बाक़ी है।

ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का शांति संदेश केवल ईरान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अप्रत्याशित था। इसलिए कि 3 जनवरी को मेजर जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या के बाद, ट्रम्प ने धमकी दी थी कि अगर ईरान ने कोई प्रतिक्रिया दिखाई तो अमरीका धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों समेत 52 ठिकानों को नष्ट कर देगा।

ईरान के मिसाइल हमलों ने जहां ट्रम्प को शांति की बात करने पर मजबूर कर दिया, वहीं मध्यपूर्व के उन देशों को भी जिनके यहां अमरीकी सैन्य अड्डे हैं और अमरीका उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन देता रहा है, यह संदेश दिया कि ईरान के ख़िलाफ़ अगर उनकी सीमाओं का इस्तेमाल हुआ तो वह भी ईरान के मिसाइलों की मार से नहीं बच सकेंगे।

ख़ास तौर से जब अमरीका अपने सैन्य ठिकानों की रक्षा नहीं कर सका तो उनकी रक्षा क्या करेगा।

पिछले 40 वर्षों से लगातार जारी प्रतिबंध और पिछले तीन वर्षों की ट्रम्प की अधिकतम दबाव की नीति ईरान को घुटने टेकने पर मजबूर करने में फ़ेल रही है। उसके मिसाइलों की तेज़ धार और सटीक निशानों ने यह साबित कर दिया कि उसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ आग से खेलने की तरह है।

ईरान का अब अगला क़दम किया होगा?

यह बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए मिसाइल हमले ईरान की जवाबी कार्यवाही का अंत नहीं हैं।

हालांकि अमरीकी हमले में शहीद होकर जनरल सुलेमानी ने आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर के रूप में मेजर-जनरल के रैंक के स्तर से बहुत ऊपर उठकर नई ऊंचाईयों को छू लिया और ईरान के 3,000 साल के इतिहास में रुस्तम की तरह एक योद्धा और एक नायक होने का रैंक हासिल किया।

आज ईरान के हर घर, हर गली-कूचे, सड़क, चौराहे, स्कूल, कार्यालय और होटल के प्रवेश द्वार पर सुलेमानी का मुस्कुराता हुआ चेहरा मौजूद है। सादे कपड़ों में मुस्कुराता हुआ यह चेहरा हर ईरानी को शांति और बहादुरी का आभास कराता है। शहादत को गले लगाकर सुलेमानी ईरान के इतिहास में अमर हो गए हैं।

इसलिए, ईरान उनकी मौत को कभी भुला नहीं पाएगा। इसके अलावा, ट्रम्प ने जो बर्ताव उत्तर कोरिया के साथ किया है, वह या कोई दूसरा अमरीकी राष्ट्रपति ईरान के साथ उसे दोहराने की हिम्मत नहीं कर पाएगा।

जनरल सुलेमानी के ख़ून ने अमरीकी साम्राज्य के अंत की दास्तान लिख दी है और अब अमरीका के पास मध्यपूर्व से उलटे पैर वापस लौटने के अलावा कोई चारा नहीं है।