AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

11 जनवरी 2020

4:01:52 pm
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ईरान को दो संदेश देने पर सऊदी अरब का आग्रह, आले सऊद परिवार में आतंकः रायुल यौम

अरबी भाषा के मशहूर समाचारपत्र रायुल यौम में छपे एक लेख में कहा गया है कि शहीद जनरल सुलैमानी की हत्या के संबंध में सऊदी अरब दो बातों पर आग्रह कर रहा है। एक यह कि हमसे कोई सलाह नहीं ली गई थी और दूसरे यह कि हमलावर ड्रोन ने क़तर से उड़ान भरी थी। रियाज़, तेहरान को क्या संदेश देना चाहता है?

टीकाकार ख़ालिद जुयूसी ने रायुल यौम में प्रकाशित होने वाले अपने एक लेख में लिखा हैः डोनल्ड ट्रम्प ने जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या करके जो ख़तरा पैदा कर दिया है उसके विभिन्न पहलुओं से सऊदी अरब अच्छी तरह अवगत है और जानता है कि उसके तेल प्रतिष्ठान और इसी तरह सऊदी अरब में मौजूद अमरीकी, ईरानियों के हमले का निशाना बन सकते हैं। इस आतंकी हमले के बारे में सऊदी मीडिया के बीच स्पष्ट मतभेद दिखाई देता है। कुछ का कहना है कि सऊदी अरब के नेतृत्व को इस कार्यवाही के बारे में पहले से सूचना थी और मुहम्मद बिन सलमान, जंग को ईरान के अंदर ले जाने में सफल हो गए हैं और ईरान के प्रभावी जनरल की हत्या इसी लक्ष्य के परिप्रेक्ष्य में थी।

 

सऊदी अरब की सरकारी और औपचारिक नीति, मीडिया के बिलकुल विपरीत है और उसमें जनरल सुलैमानी की हत्या पर ख़ुशी नहीं जताई गई है और लगता है कि सऊदी नेतृत्व को इस कार्यवाही के बारे में पता नहीं था। जैसा कि एक सऊदी अधिकारी ने फ़्रान्स प्रेस से बात करते हुए बल देकर कहा कि इस बारे में सऊदी अरब से कोई परामर्श नहीं किया गया है और विदित रूप से इस कार्यवाही के बारे में सिर्फ़ इस्राईली प्रधानमंत्री से सलाह ली गई है। इस तरह सऊदी अरब तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है। रियाज़, तनाव कम करने और अपने आपको वर्तमान युद्धक स्थिति से दूर रखने की बहुत ज़्यादा कोशिश कर रहा है।

 

इसकी वजह यह है कि अगर ईरान ने बदले की कार्याही करने का फ़ैसला कर लिया तो उसकी सैन्य शाखाओं से मार खाने वालों में सबसे बड़ा नाम सऊदी अरब का ही है। वास्तव में जनरल सुलैमानी की हत्या के बाद सऊदी अरब ने अपने समीकरणों पर पुनर्विचार किया है और वह तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए स्पष्ट रूप से दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने इराक़ के कार्यवाहक प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महदी से टेलीफ़ोन पर बात करते हुए स्थिति को शांत बनाने की ज़रूरत पर बल दिया। उधर सऊदी अरब के रक्षा मंत्री ख़ालिद बिन सलमान ने भी वाॅशिंग्टन और लंदन का दौरा किया ताकि उनसे संयम की अपील कर सकें। लगता है सऊदी अरब ने किसी हद तक अमरीका व इस्राईल का साथ देने से बचने की कोशिश की है और नेतनयाहू व ट्रम्प के दृष्टिकोण से दूर होना चाह रहा है जिन्होंने जनरल सुलैमानी की हत्या को एक सफल कार्यवाही बताया है।

 

इस बीच अलअरबिया टीवी चैनल समेत सऊदी मीडिया अपनी रिपोर्टों में इस बात पर बल दे रहा है कि जिस मीज़ाइल ने जनरल क़ासिम सुलैमानी की गाड़ी को निशाना बनाया वह उस ड्रोन से फ़ायर किया गया था जिसने क़तर में स्थित अमरीकी सैन्य अड्डे से उड़ान भरी थी। सऊदी मीडिया की समीक्षाओं के अनुसार क़तर, ईरान के बदले का निशाना बनने वाला है।