इस तस्वीर में जनरल सुलेमानी के हाथ में अक़ीक़ (लाल रंग) की एक अंगूठी देखी जा सकती थी।
जनरल सुलेमानी ने एक बार आतंकवादी गुट दाइश के ख़िलाफ़ लड़ाई के मोर्चे पर स्वयं सेवी बलों के जवानों के बीच इस अंगूठी के राज़ से पर्दा उठाया था, जो हमेशा उनके हाथ में रहती थी।
उनका कहना थाः 2006 में इस्राईल-हिज़्बुल्लाह के बीच 33 दिवसीय युद्ध के बाद, तेहरान में एक विशेष बैठक का आयोन किया गया। इस बैठक में ईरान के सुप्रीम लीडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मैंने इस युद्ध का ब्यौरा पेश किया। बैठक के बाद, सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा अली ख़ामेनई ने मुझे अलग में बुलाया और मुझसे कहाः "तुम युद्ध और जंग के मेरे साथी हो।"
जनरल सुलेमानी ने आगे कहाः सुप्रीम लीडर ने इसके फ़ौरन बाद अपने हाथ से अंगूठी निकाली और मुझे प्रदान कर दी।
उस वक़्त मैंने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहाः "पिछले 6 साल से मैं इस अंगूठी का इंतेज़ार कर रहा था।"
उसके बाद जनरल सुलेमानी ने मोर्चे पर लड़ने वाले लड़ाकों को संबोधित करते हुए कहाः "मेरे पास कई अंगूठियां हैं, लेकिन दो अंगूठियां मैं हमेशा अपने हाथ में पहना हूं। एक वह अंगूठी है, जो इमाम ख़ुमैनी ने मुझे दी थी और दूसरी वह जो सुप्रीम लीडर ने दी है।