AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : wilayat.in
शुक्रवार

10 जनवरी 2020

7:11:18 am
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क्या ट्रम्प, अमरीकी छावनी में हुए नुक़सान पर सच बोल रहे हैं? अब आगे क्या होगा? अब्दुलबारी अतवान ने सुबूत के साथ हक़ीक़त बतायी..

मशहूर अरब पत्रकार अब्दुलबारी अतवान ने लंदन से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र रायुल यौम में ईरान अमरीका टकराव और मिसाइली हमले का बड़े अच्छे ढंग से जायज़ा लिया है।

 पश्चिमी इराक़ में अमरीकी छावनी " एनुल असद " पर ईरान के होने वाले हमलों से पहुंचने वाले नुक़सान के बारे में प्रमाण हासिल करना अभी जल्दबाज़ी है लेकिन हमारे पास ऐसे बहुत से सुबूत हैं जिनसे यह पता चलता है कि ईरान के हमले के बाद एक छोटी सी प्रेस कांफ्रेस में उड़े चेहरे और हांफते हुए संक्षिप्त सा बयान देने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प झूठ बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अमरीकी सैन्य छावनी पर ईरान के मिसाइल हमले से कोई नुक़सान नहीं हुआ है। हमारे इस दावे की कई दलीलें हैं।

     पहलीः कुछ दिनों पहले ट्रम्प ने कैमरों के सामने कहा कि अमरीका ने, हुरमुज़ स्ट्रेट पर अपने ड्रोन विमान, ग्लोबल हॉक को ईरान द्वारा मार गिराए जाने के बाद एक ईरानी ड्रोन विमान को मार गिराया है जिसकी वीडियो क्लिप बहुत जल्द जारी की जाएगी। उनके इस एलान को कई महीने गुज़र गये अभी तक वीडियो क्लिप पेश नहीं।

     दूसरीः उसी समय ट्रम्प ने दावा किया था कि ग्लोबल हॉक को मार गिराए जाने के बाद उन्होंने ईरान पर बमबारी का आदेश दे दिया था किंतु दस मिनट पहले आदेश वापस ले लिया। उन्होंने कभी अपने इस दावे का कोई भी प्रमाण पेश नहीं किया।

     तीसरीः ट्रम्प ने कहा कि अगर ईरान ने मध्य पूर्व या दुनिया में कहीं भी अमरीका या उसके घटकों के हितों पर हमला किया तो वह उसका बदला लेंगे, लेकिन जब सऊदी अरब के " बक़ीक़ " और " खरेस" में आरामको की तेल रिफाइनरियों पर हमला हुआ तो उन्होंने बात बदल दी और कहा कि अमरीका सऊदी अरब को हथियार बेचता है, उसे इस्तेमाल करना स्वंय उसका काम है।

चौथीः अमरीकी पत्रकारों ने ट्रम्प के 8 बेहद मशहूर झूठों की लिस्ट तैयार की है। उस लिस्ट के कुछ झूठ इस  प्रकार हैः  ट्रम्प ने कहा कि ईरानियों को परमाणु समझौते के बाद 150 अरब डॉलर अमरीका से मिले, या यह कि अमरीका और युरोपीय संघ के मध्य व्यापार में अंतर 180 अरब डॉलर का है,   या यह कि चीन हर साल 50 अरब डॉलर अमरीका से लेता है, या यह कि आयरलैंड ब्रिटेन का हिस्सा है या यह कि पुतीन ने क्रीमिया द्वीप, ओबामा से लिया है या यह कि उन्होंने अमरीका का राष्ट्रपति बनने के लिए 5 अरब डॉलर खर्च किया है जब कि उनकी संपत्ति की 4 अरब डॉलर है!

     पांचवीः ट्रम्प ने कहा है कि अमरीका ने अबूबक्र अलबगदादी को मार गिराया, उससे पहले हम्ज़ा बिन लादिन को मारने का दावा किया लेकिन आज तक न इन दोनों के शव का कुछ पता चला है और न ही अलबगदादी के बीवी बच्चों की लाश मिली है जो उसके साथ थे।

     अगर हम यह मान भी लें कि ईरानी मिसाइलों से उस छावनी में किसी भी अमरीकी की मौत नहीं हुई तो भी स्वंय ट्रम्प ने भी इस बात से इन्कार नहीं किया है कि ईरानी मिसाइलों ने इस छावनी में कई इमारतों को नुक़सान पहुंचाया है और इस से साबित होता है कि ईरानी नेतृत्व में इराक़ में अमरीकी छावनियों पर मिसाइल हमला करने का फैसला लेने का दम है और यह कि यह मिसाइल बेहद  सटीक निशाना लगाने की  क्षमता रखते हैं।

     ट्रम्प अपने देश की शक्ति और बड़ी सेना को ईरानी हमले के जवाब के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें पता है कि ईरान फिर जवाबी कार्यवाही करेगा और अगर पहले हमले में अमरीकियों के न मारे जाने की बात सही भी हो तब भी यह इस बात की गारंटी नहीं है कि दूसरे हमला भी उसी तरह का होगा।

ईरान द्वारा मिसाइल हमले के बाद उस पर अधिक प्रतिबंध लगाने की ट्रम्प की धमकी भी हास्यास्पद है क्योंकि अब ईरान पर और किस बात का प्रतिबंध लगाया जाएगा? ट्रम्प की ओर से सब से ताज़ा प्रतिबंध ईरान के विदेशमंत्री के एकाउंट पर लगाया गया था मानो अमरीकी बैंकों में उनके अरबों डॉलर पड़े हों! लगता है कि अब ट्रम्प ज़रीफ की बेहद आकर्षक मुस्कराहट पर भी प्रतिबंध लगा देंगें।

    यह दर अस्ल एक लंबा टकराव है जिसमें सब कुछ हो सकता है और इस प्रकार के टकराव के लिए आत्मविश्वास और बुद्धि की ज़रूरत होती है और ईरानियों के दोस्त व दुश्मन सब यह मानते हैं कि अब तक इस पूरे मामले में ईरानियों को ही जीत मिली है।

     अगला चरण भी हम बताए देते हैं, अगले चरण में मध्य पूर्व और फार्स की खाड़ी में अमरीकी छावनियों को असुरक्षित किया जाएगा और यह काम अमरीकियों को इस क्षेत्र से भगाने के लिए होगा और यह काम, इराक़ में हश्दुश्शाबी, यमन में असांरुल्लाह, लेबनान में हिज़्बुल्लाह  और फिलिस्तीन में हमास व इस्लामी जेहाद संगठनों जैसे ईरान के घटकों द्वारा किया जाएगा और हमें तो यह भी  लगता है कि इन सब को उनकी भूमिकाएं बांट दी गयी हैं और अब बस " हरी झंडी " का इंतेज़ार है जो अब तक नहीं दिखायी गयी है और यह भी निश्चित है कि इराक़ का स्वंय सेवी बल, हश्दुश्शाबी अपने डिप्टी  कमांडर अबू मेहदी अलमुहंदिस का बदला ज़रूर लेंगे।

     ईरानी नेतृत्व, ट्रम्प से रहा है, ईरान आने वाले दिनों में अपने मिसाइल भंडारों क दरवाज़ा अपने इस घटकों के लिए खोल देगा जो दुश्मन को बड़ी दक्षता के साथ निशाना बनाते हैं। ईरानी संदेश यह है कि हम ने शुरुआत कर दी है अब बाकी काम तुम्हारा है, और दूसरा संदेश रूस और चीन के लिए है कि हम भरोसेमंद घटक हैं।

     इस चुनावी साल में ट्रम्प को चैन नहीं मिलने वाला और इसी तरह फार्स की खाड़ी और क्षेत्र में उनके घटकों की भी नींद उड़ी हुई है, ईरानी मिसाइल हमले से होने वाले नुक़सान का पता बहुत जल्द चल जाएगा। (Q.A.) साभार, अब्दुल बारी  अतवान, रायुल यौम