उधर अमरीकी हेलिकॉप्टर अल-असद और अरबील सैन्य अड्डों से ज़ख़्मी सैनिकों को स्थानांतरित करते हुए देखे गए।
सूत्रों का अनुसार, ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले में अमरीकी सैन्य गठबंधन के 80 सैनिकों के मारे जाने की ख़बर है, हालांकि हमले से होने वाले व्यापक नुक़सान का आंकलन अभी किया जा रहा है।
इस बीच, इराक़ी सेना ने एक बयान जारी करके कहा है कि ईरान के मिसाइल हमलों में इराक़ी सैनिकों को कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है।
3 जनवरी को बग़दाद में अमरीकी ड्रोन हमले में आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी, इराक़ की अल-हशदुश्शाबी फ़ोर्स के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अल-मोहंदिस और उनके कई साथियों की मौत के बाद, ईरान ने अमरीका के ख़िलाफ़ जवीब कार्यवाही का एलान कर दिया था।
पेंटागन ने अमरीकी सैनिकों पर ईरानी हमले की पुष्टि की है और कहा है कि बग़दाद में इराक़ी अधिकारियों से संपर्क की कई बार कोशिश की, लेकिन इराक़ी अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
इस बीच, इराक़ी सरकार ने अल-अंबार प्रांत स्थित ऐन अल-असद सैन्य छावनी पर ईरान के जवाबी हमले में हशदुश्शाबी के शामिल होने की ख़बरों का खंडन किया है।
सीरिया की न्यूज़ एजेंसी साना का कहना है कि ईरान के मिसाइल हमले के बाद, अल-असद सैन्य छावनी से अमरीकी सैनिकों को भागते हुए देखा गया है।