AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

14 नवंबर 2019

11:36:28 am
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फ़िलिस्तीन और क़ुद्स इस्लामी जगत का सबसे अहम मुद्दा है, युवा नस्ल अमरीका को दोस्त न समझेः तैंतीसवें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता

राष्ट्रपति रूहानी ने फ़िलिस्तीन और क़ुद्स को इस्लामी जगत का सबसे अहम मुद्दा बताया है।

डॉक्टर हसन रूहानी ने तेहरान में तैंतीसवें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में फ़िलिस्तीन और क़ुद्स को इस्लामी जगत का सबसे अहम मुद्दा बताते हुए कहा कि इस्लामी जगत का जनमत फ़िलिस्तीन और क़ुद्स के विषय को कभी भी भूलने नहीं देगा।

उन्होंने इस्लामी जगत में जागरुकता के मद्देनज़र ज़ायोनी शासन और अमरीका की नीतियों की नाकामी का उल्लेख किया और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान, इराक़ और यमन में जनसंहार और इस्लामी जगत में फूट, क्षेत्र में अमरीकी साज़िशों के बुरे नतीजे हैं।

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि फ़िलिस्तीन को फ़िलिस्तीनी और क्षेत्र के वीर मुसलमानों को फ़त्ह करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा नस्ल को यह बात समझनी होगी कि अमरीका क्षेत्र सहित मुसलमान राष्ट्रों का न तो दोस्त है और न ही होगा, इसलिए क्षेत्र के मामलों को लोग आपस में मिल कर हल करें।

ईरानी राष्ट्रपति ने कुछ इस्लामी देशों की ज़ायोनी शासन के साथ साठगांठ और मुसलमान राष्ट्र व प्रतिरोध के मोर्चे के ख़िलाफ़ इस शासन के जासूसी उपकरणों के इस्तेमाल पर खेद जताया और कहा कि इस्लामी गणतंत्र ज़ायोनी शासन और अमरीका से फ़िलिस्तीनी जनता की रक्षा में सबसे आगे है।

ग़ौरतलब है कि तैंतीसवां अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता सम्मेलन गुरुवार से तेहरान में शुरु हुआ है। इस सम्मेलन में 90 देशों के 400 बुद्धिजीवी और राजनैतिक हस्तियां शामिल हैं। "मस्जिदुल अक़्सा की रक्षा के लिए इस्लामी जगत की एकता" इस सम्मेलन का नारा है।