मस्जिदुल अक़्सा पर धावा बोलने वाले ज़ायोनियों के साथ इस्राईल के चरमपंथी सांसद यहूदा ग्लीक भी थे।
चरमपंथी यहूदियों ने मस्जिदुल अक़्सा में घुसने के बाद कुछ विशेष संस्कार किये और फिर मस्जिद के " बाबुस्सिलसिला" से बाहर निकल गये।
इस गैर कानूनी कार्यवाही में इस्राईली पुलिस उनकी पूरी मदद कर रही थी।
इस्राईल, मस्जिदुल अक़्सा की पहचान को बदलने की पूरी कोशिश कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के यूनिस्को ने अक्तूबर सन 2017 में औपचारिक रूप से घोषणा की है कि मस्जिदुल अक़्सा मुसलमानों का है और उससे यहूदियों का कोई संबंध नहीं है।