AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

5 मई 2019

12:52:19 pm
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ग़ज़्ज़ा में रमज़ान का अलग रंग, ईश्वर की इबादत के साथ ही इस्राईली बर्बरता को मुंह तोड़ जवाब देने का जज़्बा भी चरम पर

इस्राईली सेना के बर्बरतापूर्ण हमलों के जवाब में ग़ज़्ज़ा के फ़िलिस्तीनी संगठनों ने जो व्यापक जवाबी कार्यवाही की और इस कार्यवाही के बाद इस्राईल की ओर से ग़ज़्ज़ा के इलाक़ों पर जो बमबारी की गई है उसे देखकर ग़ज़्ज़ा पट्टी की स्थिति का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है कि गज़्ज़ा पट्टी के लोग डर क्या होता है यहा जानते ही नहीं, उन्हें इस्राईली सेना और उसके टैकों का कोई भय नहीं है क्योंकि वह वाक़ई मर्द हैं और वह भी इस युग में जिसमें मर्द बहुत कम हैं।

वह इस युग में बहादुरी के कौशल दिखा रहे हैं जब कायरता और इस्राईल से दोस्ती की चाह अरबों में फैली हुई है।

ग़ज़्ज़ा पट्टी के फ़िलिस्तीनी संगठनों ने ज़ायोनी इलाक़ों पर दो सौ से अधिक मिसाइल फ़ायर कर डाले, हमलों में कई इस्राईली सैनिक घायल हुए और अब गज़्ज़ा वासी रमज़ान महीने का स्वागत कर रहे हैं जो त्याग और क़ुरबानी की सीख देता है।

ग़ज़्ज़ा वासियों ने अपने मिसाइलों से इस्राईल के मिसाइल ढाल सिस्टम को किसी खिलौने से भी अधिक नाकारा साबित किया है। इस्राईल ने हमला करके अगर लगभग दस फ़िलिस्तीनियों को शहीद और 100 को घायल किया तो यह भी सच्चाई है कि इस हमले पर इस्राईल को फ़िलिस्तीनियों का ज़ोरदार जवाब भी मिल गया। जेहादे इस्लामी संगठन ने अपने मिसाइलों से ज़ायोनी बस्ती उसदूद को निशाना बनाया कई ज़ायोनी बस्तियों  में ज़ायोनियों को भूमिगत शरण स्थलों में छिपना पड़ा। फ़िलिस्तीनी संगठनों के इस हमले का असली संदेश ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू को अच्छी तरह पहुंच गया है। एक संदेश यह है कि इस साल का नकबह दिवस आसानी से नहीं गुज़रेगा और दूसरा संदेश यह है कि डील आफ़ सेंचुरी से फ़िलिस्तीनी अच्छी तरह निपट लेंगे।

नेतनयाहू अगर अपने अरब मित्रों के साथ ग़ज़्ज़ा वासियों का परिवेष्टन करके उन्हें भूखों मारना चाहते हैं तो यह भी कर लें वैसे वह तो कई साल से यही कर भी रहे हैं। अब अगर वह ग़ज़्ज़ा पट्टी में नरसंहार का इरादा रखते हैं तो यह भी कर लें लेकिन तेल अबीब के भीतर उसी प्रकार की जवाबी कार्यवाही के लिए भी ख़ुद को तैयार कर लें। ते। दो महीना पहले फ़िलिस्तीनियों ने जो मिसाइल हमला तेल अबीब को पार करके उसके उत्तर में स्थित बस्ती पर किया था उसने अच्छी तरह समझा दिया है कि फ़िलिस्तीनियों की मिसाइल ताक़त का दायरा कहां तक है।

नेतनयाहू को इस हक़ीक़त की अच्छी तरह जानकारी है इसीलिए जब वह गज़्ज़ा पट्टी पर हमला करते हैं तो  ज़्यादातर निर्जन इलाक़ों को निशाना बनाते हैं और तत्काल मिस्र की मदद से संघर्ष विराम की कोशिश शुरू कर देते हैं।

ग़ज़्ज़ा में बसने वाले शेरों के पास साहस और बलिदान का जज़्जा है जो हमेशा बहुत ऊंचा रहता है और रमज़ान के महीने में अपने चरम बिंदु पर पहुंच गया ह।

साभार रायुल यौम