शनिवार को गज्ज़ा पर इस्राईली युद्धक विमानों की बमबारी में 22 वर्षीय इमाद नसीर की मौत हो गई, इससे पहले शुक्रवार को इस्राईली सैनिकों ने 4 फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतार दिया था।
इस्राईली बमबारी के जवाब में ग़ज्ज़ा स्थित फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठनों ने इस्राईल पर रॉकेटों की बारिश कर दी और क़रीब 90 रॉकेट फ़ायर किए।
शनिवार की सुबह ग़ज्ज़ा से फ़ायर किए जाने वाले इस्राईली क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में साइरन गूंज उठे और ज़ायोनियों ने जान बचाने के लिए अंडर ग्राउंड बने बंकरों में शरण ली।
इस्राईली सेना का कहना है कि ग़ज्ज़ा से क़रीब 10 मिनट तक रॉकेट फ़ायर किए जाते रहे।
ज़ायोनी सेना ने दावा किया है कि उसके मिसाइल सिस्टम आयरन डोम ने दर्जनों मिसाइलों को हवा में मार गिराया।
फ़िलिस्तीनी न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्राईली युद्धक विमानों ने ग़ज्ज़ा के उत्तर में स्थित बेत हनून के कृषि क्षेत्र को निशाना बनाया।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्राईली हमलों के जवाब में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं ने अशकेलॉन और अशदोद पर रॉकेट दाग़े, जिसमें कुछ को इस्राईली मिसाइल सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया, लेकिन कई अपने लक्ष्यों पर जाकर लगे हैं।
इस्राईली सेना ने फ़ायर किए गए मिसाइलों की कई तस्वीरें भी जारी की हैं।
हमास के प्रवक्ता अब्दुल लतीफ़ अल-क़ानू का कहना है कि इस्लामी प्रतिरोध ज़ायोनी अराधों का जवाब देने के लिए हमेशा मोर्चे पर हाज़िर है और वह फ़िलिस्तीनियों के ख़ून को बर्बाद नहीं होने देगा।