फ़िलिस्तीनी सूत्रों ने बताया है कि इस्राईली सैनिकों ने समुद्री मार्च में शामिल फ़िलिस्तीनियों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग और आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। इस हमले में दसियों फ़िलीस्तीनी घायल हुए हैं। घायलों में एक बचावकर्मी भी शामिल है। वापसी मार्च की उच्च समिति के सदस्य और प्रतिरोध जनांदोलन जिहादे इस्लामी संगठन के नेता अहमद मुदलल ने कहा है कि हमें विश्वास है कि फ़िलीस्तीनी जनता वापसी मार्च में पूरी प्रतिबद्धता के साथ भाग लेती है और हम बहुत जल्द गज़्ज़ा की घेराबंदी तोड़ने में सफल हो जाएंगे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ प्रस्ताव पारित करने में अमेरिका की हार का उल्लेख करते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ ज़ायोनी शासन के अत्याचारों में अमरीका बराबर भागीदार है।
फ़िलीस्तीनी प्रतिरोध संगठन जिहादे इस्लामी के नेता अहमद मुदलल का कहना था कि फ़िलीस्तीनी युवाओं ने अपने पहले इंतेफ़ाज़ा आंदोलन जो 1987 में पत्थर इंतेफ़ाज़ा के नाम से मशहूर हुआ था ज़ायोनी शासन को करारी हरा दी थी और आज भी फ़िलीस्तीनी युवाओं और बच्चों ने इस्राईल के पाश्विक हमलों का मुंहतोड़ जवाब देकर ज़ायोनियों की नींदें हराम कर दीं हैं।
ज्ञात रहे कि 30 मार्च से शुरू हुई वापसी मार्च के नाम से फ़िलिस्तीनियों की शांतिपूर्ण रैलियों में अब तक ज़ायोनी सैनिकों की फ़ायरिंग में सैकड़ों फ़िलिस्तीनी शहीद हज़ारों घायल हो चुके हैं।