AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : अबना
शनिवार

26 सितंबर 2015

8:47:17 pm
712490

मेना दुर्घटना की प्रतिक्रिया में विश्व अहलेबैत परिषद ने जारी किया बयान।

मेना में बक़रीद के दिन की दुखद घटना जो सैकड़ों अल्लाह के मेहमानों के हताहत और हज़ारों के घायल होने का कारण बनी उसने दुख और बेचैनी पैदा कर दी है। दुख इस बात का है कि विभिन्न देशों से अल्लाह की राह में हिजरत करने वाले मोमिनों की बड़ी संख्या को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। और बेचैनी इस बात की कि हरमैन शरीफ़ैन के प्रबंधन का अंजाम किया होगा?

अहलेबैत (अ) समाचार एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार मेना की दुखद घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्व अहलेबैत (अ) परिषद ने एक बयान जारी किया है जिसे यहां पेश किया जा रहा है।

بسم الله الرحمن الرحیم

«و من یخرج من بیته مهاجرا الی الله و رسوله ثم یدرکه الموت فقد وقع اجره علی الله».

मेना में बक़रीद के दिन की दुखद घटना जो सैकड़ों अल्लाह के मेहमानों के हताहत और हज़ारों के घायल होने का कारण बनी उसने दुख और बेचैनी पैदा कर दी है। दुख इस बात का है कि विभिन्न देशों से अल्लाह की राह में हिजरत करने वाले मोमिनों की बड़ी संख्या को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। और बेचैनी इस बात की कि हरमैन शरीफ़ैन के प्रबंधन का अंजाम किया होगा?

इस बात के मद्देनजर कि मेना में हमेशा हाजियों को अप्रिय दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता रहा है, दुनिया के मुसलमानों का मुख्य सवाल यह है कि क्यों इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया बल्कि हर साल पहले से ज्यादा बदतर हालत सामने आती है और हाजियों के हताहत होने की दर्दनाक घटनाएं घटित होती हैं?क्यों अल्लाह के मेहमानों की जानों को जो हज करने जाते हैं, महत्व नहीं दिया जाता है?

मेना घटना में हर चीज़ से ज़्यादा अगर किसी चीज़ के बारे में लापरवाही हुई है तो वह हाजियों की सुरक्षा है तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि,रास्ते बंद करने की जरूरत के मामले में,क्यों उनके वैकल्पिक रास्ते हाजियों को नहीं बताए गए?क्यों मशअर में रात के थके हाजियों के सही मार्गदर्शन का प्रबंधन नहीं किया गया?क्यों इस जनसमूह को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं रखे गए?

अगर घायलों को शुरू में तत्काल मदद पहुंचाई जाती तो क्या मरने वालों की संख्या कम न होती?क्यों इसके बावजूद कि हाजियों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम थी फिर भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया?और क्यों सऊदी शासक अपनी गलती स्वीकार करने और जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाय दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं?

मेना के अलावा,हाजियों की सुरक्षा के सिलसिले में लापरवाही के अन्य उदाहरणों में से एक उदाहरण, हरम के डेवलपमेंट की योजना है कि जो हज के दिनों में भी जारी रही और क्रेनों के डरावने साये लाखों हाजियों के सिर पर मंडराते रहे और पिछले सप्ताह दसियों लोग उन्हीं क्रेनों की भेंट चढ़ गए। अफसोस की बात यह है कि सऊदी अरब के शाही कोर्ट ने खुद औपचारिक रूप से निर्माण कार्यों में सुरक्षा मुद्दों की रिआयत न किए जाने की बात स्वीकार की है!

विश्व अहलेबैत (अ) परिषद, उलमा-ए-इस्लाम,इस्लामी देशों के मुफ़्तियों और मुखियाओं तथा मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ख़ास तौर पर इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) जिसने हाजियों की संख्या को कम करने पर सहमति जताई तथा सभी मुसलमानों से मांग करता है कि सामूहिक रूप सेहज और हाजियों के मामलों को एक देश के हवाले करने के बजाए सभी इस्लामी देशों के सुपुर्द किए जाने पर आवाज़ उठायें।

ताकि सभी मुसलमानों की क्षमताओं और ऊर्जा से ऐसी दुखद घटनाओं को समाप्त किया जा सके।

अहलेबैत परिषद इस दर्दनाक घटना पर रसूलुल्लाह (स.) की आत्मा और उनके पाक अहलेबैत (अ) तथा इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर,हताहत होने वालों के परिवार और पूरी दुनिया के सभी मुसलमानों को सांत्वना पेश करते हुए अल्लाह की बारगाह में उपस्थित होने वालों को अल्लाह की रहमत और घायलों को जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाने की दुआ करता है।

اللهم انا نشکو الیک فقد نبینا و غیبة ولینا و کثرة عدونا و قلة عددنا و شدة الفتن بنا.

विश्व अहलेबैत (अ.ह) परिषद

25 सितम्बर 2015

अहलेबैत (अ) समाचार एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार मेना की दुखद घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्व अहलेबैत (अ) परिषद ने एक बयान जारी किया है जिसे यहां पेश किया जा रहा है।

بسم الله الرحمن الرحیم

«و من یخرج من بیته مهاجرا الی الله و رسوله ثم یدرکه الموت فقد وقع اجره علی الله».

मेना में बक़रीद के दिन की दुखद घटना जो सैकड़ों अल्लाह के मेहमानों के हताहत और हज़ारों के घायल होने का कारण बनी उसने दुख और बेचैनी पैदा कर दी है। दुख इस बात का है कि विभिन्न देशों से अल्लाह की राह में हिजरत करने वाले मोमिनों की बड़ी संख्या को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। और बेचैनी इस बात की कि हरमैन शरीफ़ैन के प्रबंधन का अंजाम किया होगा?

इस बात के मद्देनजर कि मेना में हमेशा हाजियों को अप्रिय दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता रहा है, दुनिया के मुसलमानों का मुख्य सवाल यह है कि क्यों इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया बल्कि हर साल पहले से ज्यादा बदतर हालत सामने आती है और हाजियों के हताहत होने की दर्दनाक घटनाएं घटित होती हैं? क्यों अल्लाह के मेहमानों की जानों को जो हज करने जाते हैं, महत्व नहीं दिया जाता है?

मेना घटना में हर चीज़ से ज़्यादा अगर किसी चीज़ के बारे में लापरवाही हुई है तो वह हाजियों की सुरक्षा है तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि, रास्ते बंद करने की जरूरत के मामले में, क्यों उनके वैकल्पिक रास्ते हाजियों को नहीं बताए गए? क्यों मशअर में रात के थके हाजियों के सही मार्गदर्शन का प्रबंधन नहीं किया गया? क्यों इस जनसमूह को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं रखे गए?

अगर घायलों को शुरू में तत्काल मदद पहुंचाई जाती तो क्या मरने वालों की संख्या कम न होती? क्यों इसके बावजूद कि हाजियों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम थी फिर भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया? और क्यों सऊदी शासक अपनी गलती स्वीकार करने और जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाय दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं?

मेना के अलावा, हाजियों की सुरक्षा के सिलसिले में लापरवाही के अन्य उदाहरणों में से एक उदाहरण, हरम के डेवलपमेंट  की योजना है कि जो हज के दिनों में भी जारी रही और क्रेनों के डरावने साये लाखों हाजियों के सिर पर मंडराते रहे और पिछले सप्ताह दसियों लोग उन्हीं क्रेनों की भेंट चढ़ गए। अफसोस की बात यह है कि सऊदी अरब के शाही कोर्ट ने खुद औपचारिक रूप से निर्माण कार्यों में सुरक्षा मुद्दों की रिआयत न किए जाने की बात स्वीकार की है!

विश्व अहलेबैत (अ) परिषद, उलमा-ए-इस्लाम, इस्लामी देशों के मुफ़्तियों और मुखियाओं तथा मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ख़ास तौर पर इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) जिसने हाजियों की संख्या को कम करने पर सहमति जताई तथा सभी मुसलमानों से मांग करता है कि सामूहिक रूप से हज और हाजियों के मामलों को एक देश के हवाले करने के बजाए सभी इस्लामी देशों के सुपुर्द किए जाने पर आवाज़ उठायें।

ताकि सभी मुसलमानों की क्षमताओं और ऊर्जा से ऐसी दुखद घटनाओं को समाप्त किया जा सके।

अहलेबैत परिषद इस दर्दनाक घटना पर रसूलुल्लाह (स.) की आत्मा और उनके पाक अहलेबैत (अ) तथा इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर, हताहत होने वालों के परिवार और पूरी दुनिया के सभी मुसलमानों को सांत्वना पेश करते हुए अल्लाह की बारगाह में उपस्थित होने वालों को अल्लाह की रहमत और घायलों को जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाने की दुआ करता है।

اللهم انا نشکو الیک فقد نبینا و غیبة ولینا و کثرة عدونا و قلة عددنا و شدة الفتن بنا.

विश्व अहलेबैत (अ.ह) परिषद

25 सितम्बर 2015