AhlolBayt News Agency (ABNA)

source :
गुरुवार

16 अगस्त 2012

7:30:00 pm
337429

विश्व क़ुद्स दिवस परः

विश्व अहले बैत (अ) परिषद ने जारी किया बयान

अलविदा जुमा और विश्व क़ुद्स दिवस के सम्बंध में विश्व अहलेबैत (अ) परिषद ने एक बयान में दुनिया भर के मुसलमानों को और विशेष रूप से अहलेबैत (अ) के मानने वालों को आमंत्रित किया है कि विश्व क़ुद्स दिवस को अधिक से अधिक शान और शौकत से आयोजित करके प्रतिरोध दलों का सहयोग करें और फ़िलिस्तीन और मुसलमानों के पहले क़िबले की स्वतंत्रता और गासिब ज़ायोनी शासन का मुक़ाबला करने के लिए अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी को निभाने पर बल दें.......

अहलेबैत (अ) समाचार एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार अहलेबैत (अ) विधानसभा ने अपने बयान में कहा है कि विश्व क़ुद्स दिवस अमेरिका और इस्राईल के अत्याचारों, अधिग्रहण, ग़स्ब और अतिक्रमण के मुक़ाबले में में राष्ट्रों के एकजुट होने का दिन है।इस बयान में उम्मीद जताई गई है कि इस्लामी राष्ट्रों की एकता व गठबंधन का नतीजा फ़िलिस्तीन की विजय, क़ुद्स की आज़ादी के जश्न और पहले क़िबले में दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा एकता के साथ नमाज़ की स्थापना हो।विश्व अहलेबैत (अ) परिषद का बयानःبسم الله الرحمن الرحیم سُبْحَانَ الَّذِي أَسْرَى بِعَبْدِهِ لَيْلاً مِّنَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ إِلَى الْمَسْجِدِ الْأَقْصَى الَّذِي بَارَكْنَا حَوْلَهُ لِنُرِيَهُ مِنْ آيَاتِنَا إِنَّهُ هُوَ السَّمِيعُ البَصِيرُ۔वह ज़ात पाक व पाकीज़ा है जो रात के थोड़े से हिस्से में (महबूब और मुक़र्रब) बंदे को मस्जिद हराम से (उस) मस्जिद अकसा तक ले गई जिसके आसपास को हमने बा बरकत बना दिया है ताकि हम उसको अपनी निशानियाँ दिखाएँ, बेशक वही खूब सुनने वाला खूब देखने वाला है।एक बार फिर अल्लाह की कृपा, इस्लाम की महान उम्मत को प्राप्त हुई और रमज़ान के महान ईश्वरीय भोज और एक महीने की इबादत और उपासना के अंत में पीड़ितों और मज़लूमों के बचाव का दिन "विश्व क़ुद्स दिवस" आ गया।विश्व क़ुद्स दिवस वर्तमान युग में इस्लाम को जीवित करने वाले महान नेता हज़रत इमाम खुमैनी रहमतुहल्लाह अलैब की यादगार है। इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने ऐसे हाल में प्रतिरोध की दावत दी जब पूरे अरब पर निराशा छाई हुई थी और कुछ इस्लामी देशों के गद्दार शासक यहां तक ​​कि फ़लस्तीनी आंदोलनों के नेता कह रहे थे कि "इसराइल ऐसी सच्चाई है जिसे स्वीकार करना चाहिए!" और इसी स्थिति में इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने फ़िलिस्तीन के मिशन को जीवित किया।अलविदा जुमा को इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने विश्व क़ुद्स दिवस का नाम दिया जो ईश्वरीय नाम था और पूरी दुनिया के मुसलमानों ने इस नाम का जबरदस्त स्वागत किया और इस नाम ने न केवल गठजोड़ और षड़यंत्र करने की योजना को नाकाम किया बल्कि सुरक्षा, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में गासिब ज़ायोनी शासन को सख़्त नुक़सान पहुंचाया।हमें नहीं भूलना चाहिए कि 33 दिवसीय युद्ध में हिज़्बुल्ला लेबनान की जीत और 22 दिवसीय प्रतिरोध में इस्लामी प्रतिरोध की विजय, विश्व क़ुद्स दिवस के परिणाम हैं और आज भी इस्लाम की व्यापकता और इस्लामी जागरूकता का सिलसिला, इमाम खुमैनी रहमतुहल्लाह अलैह इसी मिशन का सिलसिला है जो आप क़ुद्स शरीफ और दुनिया के मुसलमानों की हैसियत की रक्षा के लिए शुरू की थी। यही आश्चर्यजनक प्रतिरोध था जिसकी वजह से दुनिया को अपनी विरासत समझने वाली साम्राज्यवादी और ज़ायोनी शक्तियों ने बदले की आग मुस्लिम देश "सीरिया" में भड़का दी है ताकि इस देश के निर्दोष लोगों को ख़ाक और ख़ून में तड़पा कर पवित्र प्रतिरोध आंदोलन से बदला ले सकें और घायल अमेरिकी और ज़ायोनी भेड़िये पतन की ओर जा रहे ज़ायोनी शासन की ओर उसे बर्बादी से छुटकारा दें।लेकिन कहना चाहिए कि (الْيَوْمَ يَئِسَ الَّذِينَ كَفَرُواْ مِن دِينِكُمْ فَلاَ تَخْشَوْهُمْ وَاخْشَوْنِ) आज काफ़िर लोग तुम्हारे धर्म (के ग़ालिब आ जाने के कारण अपने नापाक इरादों) से निराश हो गए, सो (ए मुसलमानों!) तुम उनसे मत डरो और मुझ ही से डरा करो। (सूरह माएदः आयत 3) क्योंकि न केवल फ़िलिस्तीनी मुसलमान दुश्मनों के षड्यंत्रों से नहीं डरते बल्कि जो चाहते थे कि फ़िलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, इराक और मिस्र में इस्लाम और प्रतिरोध का नाम व निशान तक नहीं रहे, इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के वुजूद की बरकत और प्रतिरोध के शहीदों के पवित्र ख़ून की बरकत से खुद ही अपमान और पस्ती का शिकार हो चुके हैं और आंतरिक और बाहरी संकटों विशेषकर अपने गासिब लोगों की लगातार आत्म हत्याओं जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो चुके हैं और बेबसी और नाचारी उनके पूरे अस्तित्व पर छा गई है।विश्व अहलेबैत (अ) परिषद इस पवित्र दिन के आगमन पर, इस्लामी जगत की जागरूकता के महान नेता हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा इमाम ख़ामेनई का पालन करते हुए, सभी दुनिया भर के मुसलमानों को और विशेष रूप से अहलेबैत (अ) के मानने वालों को आमंत्रित किया है कि विश्व क़ुद्स दिवस को अधिक से अधिक शान और शौकत से आयोजित करके प्रतिरोध दलों का सहयोग करें और फ़िलिस्तीन और मुसलमानों के पहले क़िबले की स्वतंत्रता और गासिब ज़ायोनी शासन का मुक़ाबला करने के लिए अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी को निभाने पर बल दें।इस बयान में उम्मीद जताई गई है कि इस्लामी राष्ट्रों की एकता व गठबंधन का नतीजा फ़िलिस्तीन की विजय, क़ुद्स की आज़ादी के जश्न और पहले क़िबले में दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा एकता के साथ नमाज़ की स्थापना हो।विश्व अहलेबैत परिषद25 रमज़ानसमाप्त.....166