इस घटना को लेकर अब एक नई थ्योरी सामने आ रही है, जिसमें यूक्रेन का नाम सामने आ रहा है। यूक्रेन में विपक्ष के नेता विक्टर ने ही अपने देश के राष्ट्रपति जेलेंस्की पर बड़ा आरोप लगाया है।
विक्टर ने कहा, ट्रंप पर हमले में केवल और केवल यूक्रेन का हाथ हो सकता है, क्योंकि इसमें उसका सबसे ज्यादा फायदा है। उनका कहना है कि ट्रंप अगर चुनाव नहीं जीतते हैं तो यूक्रेन को जो आर्थिक मदद अमेरिका से मिल रही है वो मिलती रहेगी। यही नहीं यूक्रेन की सत्तारुढ़ पार्टी भी सरकार में बनी रहेगी।
विक्टर ऐसा कह रहे हैं तो इसकी और भी वजहें हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कहा जा रहा है कि जेलेंस्की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के ज्यादा करीबी हैं। सत्ता में ट्रंप के आने से जेलेंस्की को जंग रोकनी पड़ेगी। कहा जा रहा है कि ट्रंप युद्ध के समर्थक नहीं हैं वो रूस और यूक्रेन जंग का इस वजह से समर्थन नहीं करते हैं, क्योंकि अमेरिका पहले ही 65 बिलियन डॉलर से ज्यादा जेलेंस्की पर खर्च कर चुका है।