AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शुक्रवार

21 जून 2024

6:11:46 am
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हज के दौरान शिर्क, साम्राज्यवाद और शोषणकारी शक्तियों से बराअत का इज़हार और गहरा हो

हज तौहीद का प्रतीक है और शिर्क और उत्पीड़न से मुक्ति का प्रतीक भी। इसलिए, इस वर्ष के हज संदेश में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बराअत पर इतना ज़ोर दिया। पिछले वर्षों में हज के दौरान सऊदी अरब में फ़िलिस्तीन की आज़ादी के नारे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन इस साल वह चाह कर भी ऐसा नही कर सकते और हाजियों को चुप रहने पर मजबूर नहीं कर पाएंगे।

अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के जनरल सेक्रेटरी आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि हज का असली अर्थ और उसकी आत्मा तौहीद और शिर्क से बेज़ारी के साथ गूँधा हुआ है। अगर हम हज के रहस्यों पर घोर करें तो पाएंगे कि वह अंदरूनी और बाहरी शिर्क से मुक़ाबला करना है।

इस्राईल के अत्याचारी चेहरा एक बार फिर दुनियया के सामने बेनक़ाब हो चुका है। फिलिस्तीनी लोगों की मज़लूमियत और ज़ायोनी शासन के अत्याचारों के कारण इस साल का हज हज्जे बराअत के नाम से मशहूर हो गया।

अहले बैतियन एक्टिविस्ट ने हज कांग्रेस के नाम आयतुल्लाह ख़ामेनेई के पैग़ाम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रभाव के शीर्षक से अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली की सहायता से अबना में एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के जनरल सेक्रेटरी आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि हज एक तरह से अल्लाह की बंदगी का अभ्यास है। हज एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन है जिसमे हर साल दुनियाभर से अलग अलग नस्ल और समाज के मुसलमान शामिल होते हैं। यह बेहतरीन अवसर हैं जहाँ हम अपने मामलात और दुनिया के बारे में फैसला ले सकते हैं।

आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि हज में शिर्क और मुशरेकीन से बराअत, प्रभुत्ववाद, साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद से बेज़ारी का रंग गहरा होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हज का एक बेहतरीन तोहफा उम्मते इस्लामी का इत्तेहाद है। अगर मुसलमानों के बीच सही अर्थों में एकजुटता और इत्तेहाद हो जाए तो दुनिया में सबसे बड़ी आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सांस्कृतिक और सामाजिक स्थिति मुसलमानों की होगी, जो हम सभी की इच्छाओं और आशाओं का हिस्सा है।

रूसी लोगों ने आयतुल्लाह ख़ामेनेई के बयान का स्वागत किया

रूस के दागेस्तान स्टेट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डॉ. नूरी मोहम्मदज़ादेह ने भी कहा: हज तौहीद का प्रतीक है और शिर्क और उत्पीड़न से मुक्ति का प्रतीक भी। इसलिए, इस वर्ष के हज संदेश में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बराअत पर इतना ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हमने रूसी ज़बान में आयतुल्लाह ख़ामेनेई के पैग़ाम को सोशल मीडिया की सहारे वायरल करने की भरपूर कोशिश की है। जिसका सकारात्मक जवाब भी मिला।

हाजियों पर जमी हैं फिलिस्तीनी लोगों की निगाहें

अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स मस्जिद के इमाम शेख अब्दुलकरीम पाज़ ने हज कांग्रेस को एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा कि हज सभी मुसलमानों के लिए ईश्वर की ओर से एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है और यह एक महान अवसर भी है जिसका हमें लाभ उठाना चाहिए।

उन्होंने इस साल के हज सीज़न में शिर्क से बराअत के मुद्दे को अतीत से अलग माना और कहा कि आज ग़ज़्ज़ा में बहुत बड़ा और भयानक नरसंहार हो रहा है। पिछले वर्षों में हज के दौरान सऊदी अरब में फ़िलिस्तीन की आज़ादी के नारे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन इस साल वह चाह कर भी ऐसा नही कर सकते और हाजियों को चुप रहने पर मजबूर नहीं कर पाएंगे।