सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि अमरीकियों को जान लेना चाहिए कि ईरान राष्ट्र, शहीद क़ासिम सुलैमानी के ख़ून का बदला हम लेकर रहेगा।
राष्ट्रपति ने मंगलवार को इमाम ख़ुमैनी काम्पलेक्स में शहीद क़ासिम सुलैमानी की याद में आयोजित तीसरी बरसी के अवसर पर कहा कि शहीद क़ासिम सुलैमानी का व्यक्तित्व एसा था कि जो न केवल ईरानी राष्ट्र के बारे में बल्कि अन्य राष्ट्रों के बारे में भर सोचता था।
राष्ट्रपति का कहना था कि स्वतंत्रता प्रेमियों के लिए उनकी शहादत की बरसी पर संदेश यह है कि अत्याचार और वर्चस्ववाद के मुक़ाबले में प्रतिरोध करते हुए उनके मार्ग की बाधा बन जाओ। उन्होंने कहा कि शहीद सुलैमानी ने अमरीका की झूठी साख को तोड़ दिया। वे क्षेत्र में इस्लाम की पहचान को जीवित करने वाले थे।
ईरान के राष्ट्रपति ने अमरीका और इस्लामी क्रांति के शत्रुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से शहीद सुलैमानी ने वर्चस्ववादियों का डटकर मुक़ाबला किया था उसी प्रकार से आज हमारे देश में एसे युवा मौजूद हैं जो देश के शत्रुओं के मुक़ाबले में डटे रहेंगे।
याद रहे कि ईरान की इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल, सिपाहे पासदारान आईआरजीस की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की तीसरी बरसी को आज मंगलवार के दिन ईरान सहित विश्व के विभिन्न देशों में बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि शहीद जनरल कासिम सुलैमानी, ईरान की सिपाहे पासदारान फोर्स आईआरजीसी की कुद्स ब्रिगेड के कमांडर थे इराक़ी सरकार के आधारिक निमंत्रण पर वे इराक़ गए थे। अमेरिका के आतंकवादी सैनिकों ने ड्रोन से बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब उनपर हमला करके तीन जनवरी 2020 को शहीद कर दिया था।
उनके साथ इराक की स्वंयसेवी सेना हश्दुश्शाबी के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अलमोहन्दिस और 8 दूसरे जवान शहीद हुए थे। अमेरिका के इस आतंकवादी हमले की पूरी दुनिया में निंदा हुई थी।
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