पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान शहीद होने वालों में से 100 शहीदों की वर्षों बाद अपने वतन यानी ईरान वापसी हो रही है। ग़ौरतलब है कि इराक़ द्वारा अमेरिका और पश्चिमी देशों के समर्थन से ईरान पर थोपे गए आठ वर्षीय युद्ध के दौरान देश की रक्षा में अपनी जान न्योछावर करने वाले वीर शहीदों के शवों को युद्ध की समाप्ति के वर्षों बाद भी युद्धग्रस्त इलाक़ों में ढूंढने का काम जारी है। गुमशुदा लोगों को तलाशने वाली ईरानी सेना की समिति के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल सैयद मोहम्मद बाक़िर ज़ादे ने सूचना दी है कि ईरान पर थोपे गए आठ वर्षीय युद्ध के दौरान पवित्र प्रतिरक्षा के काल में शहीद होने वाले देश के वीरों के 100 शवों को गुरुवार को इराक़ की सीमा से ईरान लाया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, ब्रिगेडियर जनरल सैयद मोहम्मद बाक़िर ज़ादे ने बताया है कि शहीदों के इन शवों को इराक़ के दक्षिण-पूर्व में स्थित मिसान और बसरा प्रांत के युद्धग्रस्त इलाक़ों से ढूंढा गया है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ इन शहीदों के शवों की वतन वापसी होगी। यह वह वीर हैं जिन्होंने अलग-अलग सैन्य अभियानों में भाग लेकर देश की रक्षा की थी। वहीं 100 शहीदों की एक साथ वतन वापसी की ख़बर सुनकर पूरे ईरान में जहां शोक का वातावरण छा गया है वहीं लोग भावुक भी नज़र आ रहे हैं। बहुत से परिवार ऐसे हैं कि युद्ध के समय को वर्षों बीत जाने के बाद अभी तक उनके घर के जवान का पता नहीं चल सका है। वह इस उम्मीद में रहते हैं कि काश इस बार उनके अपने शहीद के शव का अवशेष वतन वापस आ जाए। (RZ)
342/